जयपुर। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि देवली उनियारा के उपचुनाव में थप्पड़ कांड के बाद निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को लेकर सरकार ने समरावता गांव में जिस तरह से पुलिस वालों से हमला कराया । उसे किसी भी कीमत पर लोकतांत्रिक और कानूनी नहीं कहा जा सकता। मुख्यमंत्री यदि चाहते तो पुलिस सुबह तक इंतजार कर सकती थी । अंधेरे में जिस तरह से गांव के ऊपर हमला किया गया।
उससे गांव में 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। लगभग 100 लोगों को पुलिस ने बेवजह गिरफ्तार कर लिया। लगभग 100 महिलाओं को भारी चोट आई। गांव के 50 से ज्यादा मकान जल गए । लगभग 25 से ज्यादा फोर व्हीलर और 100 मोटरसाइकिल जला दी गई । यह गांव के लोगों ने नहीं जलाए । जिस तरह से सरकार के इशारे पर पुलिस ने गांव पर हमला किया ।
गांव के लोग पुलिस पर वाहनों को जलाने के आरोप लगा रहे है और यह आरोप मीडिया में खुलकर गांव के लोगों ने लगाए हैं । एक उम्मीदवार का अधिकारी से झगड़ा होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है । इस तरह के झगड़े चुनाव में होते रहते हैं । लेकिन सरकार ने सर्कस के कलाकारों की तरह अधिकारियों के दबाव में पुलिस के जरिए आदी रात को जो हमला करवाया । वह किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है ।
खाचरियावास ने कहा कि इस सारे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए । गांव वालों को जले हुए वाहनों के बदले राज्य की भाजपा सरकार तुरंत नए वाहन उपलब्ध कराकर गांव वालों को मकान का जो नुकसान हुआ है । उसे पूरे नुकसान की भरपाई भाजपा सरकार करें अन्यथा कांग्रेस पार्टी इस सारे मामले में चुप नहीं रहेगी ।