जयपुर। केंद्र सरकार की ओर से कानूनों में किए गए परिवर्तनों के बाद राजस्थान पुलिस तीनों कानून को लागू करने से पहले इसका अध्ययन करने में जुट गई है। पुलिस महानिदेशक यू आर साहू के सुपरविजन में प्रदेश के छब्बीस सीनियर आईपीएस अधिकारियों की सात विशेष टीमें बनाई गई हैं। यह टीमें इन तीनों कानूनों का अध्ययन कर रही हैं। कानून को लागू करने में आने वाली संभावित चुनौतियों को चिह्नित करने के साथ ही कानून को लागू करवाने का रोड मैप इन टीमों के द्वारा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए टीम को पन्द्रह फरवरी तक की डेडलाइन दी गई है। पुलिस मुख्यालय की यह विशेष टीम किस स्तर पर होमवर्क कर इन नए कानूनों को प्रदेश में लागू करवाती है।
पुलिस महानिदेशक यू आर साहू ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कानूनों में किए गए परिवर्तनों के बाद राजस्थान पुलिस तीनों कानून को लागू करने से पहले इसका अध्ययन करने में जुटी है। साथ ही नए कानून में पहले किसे लागू करना है, यह सरकार की और से निर्णय लिया जाएगा। नए कानून को लेकर पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी और इसके लिए जिन संसाधनों की आवश्यकता होगी। उसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। नए कानून की जानकारी देने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों की कई टीम बनाई गई है।
छब्बीस आईपीएस अधिकारियों की सात टीमें वर्तमान कानून और नए कानून में बदली हुई धाराओं को चिह्नित कर रही है। नए कानून की उन धाराओं को चिह्नित किया जा रहा है, जो वर्तमान में कानून में नहीं है। साथ ही नए कानून को लागू करने की प्रक्रिया तय की जा रही है। पुलिस विभाग,कारागार, न्यायालय, विधि विज्ञान प्रयोगशाला में किए जाने वाले टेक्निकल अपग्रेडेशन का भी आकलन किया जा रहा है। नए कानूनों को लेकर पुलिस थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नए कानून को लेकर पुलिस मुख्यालय में अलग-अलग टीम बनाई गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस.सेंगाथिर, पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश सिंह और पुलिस उपायुक्त संजीव नैन को विधिक चीजों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुनील दत्त, पुलिस महानिरीक्षक शरद कविराज, पुलिस उपमहानिरीक्षक विकास पाठक और पुलिस अधीक्षक सुधीर चैधरी को टेक्निकल इंटीग्रेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशाखा माथुर, पुलिस महानिरीक्षक राजेश मीणा, पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा और डीआईजी योगेश यादव को फॉरेंसिक क्षमता वृद्धि और अपग्रेडेशन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी तरह से अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मालिनी अग्रवाल, आईजी उमेश चंद दत्ता, पुलिस उपमहानिरीक्षक दीपक भार्गव और पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार सिंह को सभी हितधारकों के प्रशिक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वही अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता, आईजी अशोक कुमार गुप्ता, एफए राजेश गुप्ता और डिप्टी एफए ओम प्रकाश को वित्तीय संसाधन निर्धारण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह, आईजी प्रफुल्ल कुमार, डीआईजी विकास शर्मा और एसपी करण शर्मा को अभियोजन शाखा में आवश्यक परिवर्तन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशाल बंसल, आईजी गौरव श्रीवास्तव, डीआईजी परिस देशमुख और एसपी राजेश मीणा को डिजिटल व साइबर अनुसंधान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में नए कानून लागू होने का फायदा जनता को मिलेगा और कई कानून में की गई सख्ती के चलते अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने व अपराध में अंकुश लगाने में काफी सहयोग प्राप्त होगा।