जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी में रिवैल्यूएशन (पुनर्मूल्यांकन) के नाम पर होने वाली वसूली को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस ने मौके से पांच छात्रों को हिरासत में भी लिया। गुस्साए छात्रों ने प्रशासनिक भवन (एडम ब्लॉक) के ताला लगा दिया।
छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने बताया कि यूनिवर्सिटी में गुरूवार सुबह ग्यारह बजे के बड़ी संख्या में छात्र प्रदर्शन करने पहुंचे थे। छात्रों ने एडम ब्लॉक के गेट पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ छात्र प्रशासनिक भवन में घुस गए और गेट पर ताला लगा दिया। प्रदर्शन को देखते हुए गांधीनगर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद पुलिस टीम ने एडम ब्लॉक में धरना दे रहे पांच छात्रों को हिरासत में ले लिया है।
शुभम रेवाड़ ने बताया कि इसको लेकर हम शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मौके पर पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर आम छात्रों की जायज मांग को दबाने की कोशिश की। हम डरने वाले नहीं हैं। हम एक बार फिर छात्रों की समस्या को लेकर बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन जिम्मेदार होगा। पिछले कुछ सालों से राजस्थान यूनिवर्सिटी का जब भी रिजल्ट आता है। उसमें लगभग 80-90 प्रतिशत विद्यार्थियों को फेल कर दिया जाता है। कुछ सब्जेक्ट्स में बैक लगा दी जाती है। इसके बाद रिवैल्यूएशन के नाम पर छात्रों से 430 रुपए वसूले जाते हैं।
इसके बाद फेल होने वाले अधिकतर छात्रों को पास कर दिया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि गलती यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से ही हुई। इस पूरे काम में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और बड़े अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल है। इसी वजह से सालों से यह काला कारनामा चल रहा है। इसका भुगतान भी छात्रों से वसूला जाता है। जो पूरी तरह गलत है। इसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजस्थान यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा ने कहा कि रिवैल्यूएशन में हर बार प्रोफेसर की गलती नहीं होती है। कई बार छात्रों के नंबर बढ़ने की जगह कम भी हो जाते हैं। इसलिए इस तरह का आरोप लगाना गलत है। हालांकि कई बार छात्रों के नंबर बढ़ भी जाते हैं।
ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए हम पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया को डिजिटल करने के प्रयास कर रहे हैं। जिसके बाद बहुत जल्द यूनिवर्सिटी में पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया डिजिटल तौर पर शुरू हो जाएगी। जिससे छात्रों को इस तरह की समस्या से परेशान नहीं होना पड़ेगा।