जयपुर । राजस्थान पुलिस ने वित्तीय अपराधों में संलिप्त साइबर अपराधियों के खिलाफ शुक्रवार को ‘ऑपरेशन वज्र प्रहार 1.0’ शुरू किया। जिसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में सन्दिग्ध साइबर क्रिमिनल्स की तलाश कर वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल —- लोगों के विरुद्ध …. मामले दर्ज किए हैं। साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने काफी संख्या में मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम, लैपटॉप, वाहन इत्यादि बरामद किये है।
डीजीपी साइबर क्राइम, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवाएं डॉ रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिये साइबर अपराध शाखा एवं क्राइम शाखा द्वारा ऑपरेशन साइबर वज्रप्रहार 1.0 का संचालन किया जा रहा है। योजनाबद्ध तरीके से दो दिन प्रदेश में चलाये गये सघन अभियान में साइबर अपराधियों की धरपकड की गई। क्राइम शाखा दर्ज प्रकरणों का सुपरविजन एवं साइबर अपराध शाखा जिलेवार डाटा उपलब्ध करवाने एवं तकनीकी मदद पहुंचाने का काम कर रही है।
डीजीपी मेहरड़ा ने बताया कि शुक्रवार एवं शनिवार को चलाए गए दो दिवसीय इस ऑपरेशन के लिए प्रदेश के समस्त रेंज आईजी और एसपी को पुलिस मुख्यालय द्वारा 10 हजार से अधिक संदिग्ध साइबर क्रिमिनल्स के मोबाइल नंबर उपलब्ध करवाए गए थे। इस कार्रवाई के लिए जिलों में गठित की गई टीमों द्वारा इन दो दिनों में बिना रुके दिये गये नम्बरों की लोकेशन प्राप्त कर जिले में व जिले से बाहर दूसरे जिलों व राज्यों में कार्रवाई कर संदिग्धों की धरपकड़ की।
डीजीपी ने बताया कि डीग, अजमेर और जोधपुर पश्चिम जिले में पुलिस ने तीन कॉल सेंटर भी पकड़े हैं। जहां से कई लड़कियों और लड़कों को साइबर ठगी करते रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोपियों से पुलिस ने ठगी के अपराध में प्रयुक्त मोबाइल, लैपटॉप, एटीएम, लोगों के डेटा इत्यादि बरामद किए है।