जयपुर। गुरू गोबिंद सिंह जयंती पर बुधवार को गुलाबीनगरी शबद कीर्तन स्वरलहरियों से सरोबोर रही। खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोविन्द सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर राजधानी के गुरूद्वारों को फूलों, गुब्बारों, रंगीन झालरों से सजाया गया। सुबह गुरूग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का समापन के बाद शुरु हुए अरदास और रागी जत्थों के शबद कीर्तन के बीच सिख-पंजाबी श्रद्धालुओं ने गुरूग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर समाज व देश की खुशहाली की कामना र्की। इस मौके पर गुरुद्वारों में सुबह से देर रात तक अटूट लंगर चलते रहे।
दिया सेवा का संदेश
गुरू के दरबार में न कोई छोटा था, न कोई बड़ा। वहां अफसर, नौकर, धनवान, गरीब-अमीर , राजनेता व जनता जो भी थे, सबके मन में एक ही भाव था भारतीय संस्कृति और धर्म के लिए गुरू गोविन्द सिंह के सवर्स्व बलिदान की परंपरा को आगे बढ़ाने का। हर कोई गुरुदारे में सेवा के लिए आतुर दिखे। कोई व्यवस्था में, कोई लंगर में, कोई किसी अन्य तरह की सेवा में अपना योगदान देता नजर आया।
जो भी पहुंचे सब भारतमाता सब का
गुरूद्वारा पहुंचकर सभी श्रद्धालुओं ने मत्था टेका, शााम होते ही बिजली की रोशनी से गुरूद्वारे जगमगा उठे।
सिखों के दसवें गुरू और खालसा पंथ के संस्थापक गुरू गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व पर राजधानी के सभी गुरूद्वारों को फूलों ,गुब्बारों और रंगीन झालरों से आकर्षण सजावट कर कीर्तन दरबार को सजाया गया। सुबह गुरूग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का समापन हुआ। जिसके बाद अरदास और रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया। बड़ी संख्या में सिख-पंजाबी समाज के श्रद्धालुओं ने गुरूद्वारा पहुंचकर मत्था टेका और एक -इदूसरे को गुरू गोबिंद सिंह जयंती की शुभकामनाएं दी। प्रकाश पर्व पर गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। प्रकाश पर्व का मुख्य आयोजन राजापार्क गुरूद्वारे में संपन्न हुआ। इस मौके पर सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने राजापार्क स्थित गुरूद्वारा सिंह सभा पहुंच कर मत्था टेक कर आशीर्वाद लिया।
सिविल लाइंस विधायक ने गुरू गोबिंद सिंह के बलिदान को किया याद
इस मौके पर गोपाल शर्मा ने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह ने भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए सर्वस्व बलिदान कर सिख गुरूओं की महान परंपरा को आगे बढाया । उन्होने हमेशा अन्याय के विरूद्व लड़ाई लड़ी और जाति का भेद मिटाकर प्रेम और एकता का संदेश दिया।संपूर्ण देश उनके त्याग और बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।
इस मौके पर सुबह आसदीवार और नितनेम कीर्तन के बाद विशेष कीर्तन दरबार सजाया गया। रागी जत्थों में गुरु महिमा का बखान किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेककर सरबस के भले की कामना की। भाई सुरेंद्र सिंह, भाई नछत्तर सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर वाले ने आसादीवार का कीर्तन दीवान सजाया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शबद सुने।
अल सुबह निकाली प्रभात फेरी
गुरुद्वारा हीदा मोरी से गुरु नानक मेडिकल स्टोर रामगंज और वापस गुरुद्वारा हीदा की मोरी तक प्रभातफेरी के रूप में नगर कीर्तन निकाला गया। गुरुद्वारा वैशाली नगर में सुबह आसा दी वार के पाठ से शुरुआत हुई। इसके बाद अलग-अलग रागी जत्थों ने गुरु की वाणी से संगत को निहाल किया। हीदा की मोरी, जवाहरनगर, सेठी कॉलोनी, कंवर नगर, मालवीयनगर में बड़े स्तर पर प्रकाश पर्व मनाया गया। गुरुद्वारा पानीपेच में भाई मनमीत सिंह खालसा कॉलेज दिल्ली वाले कीर्तन करके संगत को निहाल किया।