जयपुर। आदिदेव महादेव की आराधना के महापर्व महाशिवरात्रि पर आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में बुधवार को मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में शिवोहम् कार्यक्रम के अंतर्गत द्वादश ज्योतिर्लिंग की प्राण प्रतिष्ठा कर रूद्राभिषेक किया गया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव के साथ दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गंगा जल, प्रयागराज के त्रिवेणी जल से बारह ज्योतिर्लिंग का अभिषेक कर आक, धतूरा, बेर, सोगरी सहित अन्य सामग्री अर्पित की। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार की टोली नायक श्रीराम तपस्या यादव, भास्कर तिवारी, मन सहाय कश्यप और दिनेश मारबदे ने नौ कुंडीय शिव गायत्री महायज्ञ संपन्न कराया। पांच सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ को महामृत्युंजय महामंत्र से आहुतियां प्रदान की।
श्रीराम तपस्या यादव ने इस मौके पर कहा कि यह संसार विचारों से संचालित है। सुबह मणिशंकर चौधरी ने द्वादश पार्थिव शिवलिंगों की प्राण प्रतिष्ठा कराई। यजमानों के रूद्राभिषेक के बाद श्रद्धालुओं ने अपने हाथों से अभिषेक किया। पंचामृत के अलावा प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल से भी अभिषेक किया गया।
गायत्री परिवार जयपुर उप जोन समन्वयक सुशील कुमार शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका के व्यवस्थापक रणवीर सिंह चौधरी सहित अनेक वरिष्ठ परिजन उपस्थित रहे। गोविंद देवजी मंदिर में बुधवार को महाशिवरात्रि की रचना झांकी सजाई गई। ठाकुरजी और राधा रानी की पोशाक गुलाल से रंगी हुई थी।
श्री अमरापुर स्थान में महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन
आस्था का पावन केंद्र श्री अमरापुरा स्थान में बुधवार को धूमधाम से महाशिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया । जिसमें सभी संतों के सानिध्य में प्रातः 6 से 7 बजे तक भोले नाथ पूजा-अभिषेक किया गया। जिसके पश्चात 7 से 9 बजे तक संत का कैसेट प्रवचन आयोजित किया गया। 9 से 10 बजे तक मंदिर प्रागंण में हवन -यज्ञ कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु आहुति अर्पण की।
जिसके बाद 10 से 11 बजे श्री अमरापुरेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक के ध्वजावंदना का आयोजन संपन्न हुआ। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर प्रांगण में भोले बाबा की बर्फ की झांकी सजाई गई। जो मंदिर प्रांगण में आकर्षण का केंद्र रही ।महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर नन्ने-मुन्ने बालकों ने बाल झांकी में भोले बाबा का स्वरूप धारण किया।
संत मोनू महाराज ने बताया कि हर साल की भांति इस वर्ष भी मंदिर प्रागंण में महाशिवरात्री पर कई विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न हुए। जिसमें हर साल भी भांति इस वर्ष भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए।
श्री गैटेश्वर शिवालय में गूंजे शिव महिमा के स्वर
महाशिवरात्रि पर गैटोर की छतरियां स्थित प्राचीन शिवालय श्री गैटेश्वर में श्री गैटेश्वर कला संस्थान की ओर से 58वें संगीत समारोह का आयोजन किया गया। भगवान भोलेनाथ के दरबार मे ग्वालियर की डॉ पारुल दिक्षित उपाध्याय ने शास्त्रीय संगीत में भगवान का गुणगान किया। मुंबई के भजन गायक ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने भक्ति संगीत की सुंदर प्रस्तुति दी। दिल्ली की खुशी भावना ने सुगम संगीत की सरिता बहाई।
तारानगर की लक्ष्मी राणा, जोधपुर के बनारसी भाई, नागौर के दिलीप खान, बीकानेर की कंचन वर्षा लोक संगीत की प्रस्तुतियां देकर माहौल को शिवमय बना दिया। स्थानीय कलाकारों में जयपुर के जुगल सैनी और उभरती बाल कलाकार आकांक्षा राव ने सधे सुरों में संगीत के सुर बिखेर कर वाहवाही बटारी।
आयोजन से जुड़े ओम प्रकाश चांडक ने बताया कि हारमोनियम पर ग्वालियर के विवेक जैन, तबले पर जयपुर के परमेश्वर, सितार पर हरिहर शरण भट्ट, वायलिन पर मनभावन डांगी, क्लोरो नेट पर मोहम्मद अजीज, गिटार पर पवन बालोदिया, ओक्टोपेड पर अनुपम, ढोलक पर बालाराम, सिंथेसाइजर पर हबीब खान ने संगत की।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर सजी छप्पन भोग झांकी
जयपुर। मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया गया गया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में फूल बंगला झांकी सजाई गई। महाशिवरात्रि पर्व पर सैकडों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मोती डूंगरी पहुंचकर प्रथम पूज्य के दर्शन किए।
महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान श्री गणेश जी महाराज की फूल बंगला की भव्य झांकी सजाई गई। विभिन्न प्रकार के फूलों, फल, सब्जियां अर्पित की गई। गणेश जी महाराज नवीन पोशाक धारण कराकर छप्पन भोग अर्पित किए गए। संध्या आरती के बाद भक्तजनों को छप्पन भोग प्रसाद वितरित की गई।
हनुमान जी ने दिए महादेव रूप में दर्शन
नाहरी का नाका शास्त्री नगर स्थित चमत्कारेश्वर वीर हनुमान मंदिर में महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य पर हनुमान जी महाराज ने महादेव के रूप में दर्शन दिए। महंत सुरेश पारीक के सानिध्य में हनुमानजी महाराज का विशेष श्रृंगार किया गया। सिर पर जटा, मस्तक पर त्रिनेत्र, गले में नागों के राजा नाग वासुकी, शीश पर चंद्रमा, हाथों में गदा के स्थान पर डमरू सहित त्रिशूल तथा व्याग्र चिन्ह की पोशाक धारण कराई गई।
चार प्रहर की पूजा का समय
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा के अनुसार शिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी बुधवार को मनाया गया। इस दिन सूर्यास्त से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक चार प्रहर पूजन किया जाएगी।