जयपुर। ईसाई समुदाय 25 दिसंबर को क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाएगा। मसीही समाज के लोग इन दिनों इसकी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इस पर्व से पूर्व समाजजन कैरल्स (विशेष गीत) समेत विभिन्न आयोजन कर रहे हैं। समाजजनों के घरों में गायन मंडली हिंदी, अंग्रेजी और मलयालम भाषा में क्रिसमस पर गाए जाने वाले कैरल्स गा रहे हैं।
वहीं, क्रिसमस पर सभी चर्चों में आराधना के दौरान प्रभु यीशु के जन्म के विशेष पाठ और प्रार्थनाएं होंगी, जिसमें बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोग शिरकत करेंगे। क्रिसमस के उपलक्ष्य में घरों में भी धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। जिसमें स्थानीय और कॉलोनी के लोग शिरकत कर रहे हैं।
इस दौरान कैरोल्स गाकर ईसा मसीह के जन्म की खुशी और शांति का संदेश दिया जा रहा है। क्रिसमस की रात को विशेष रूप से मिडनाइट मास (रात्रि पूजा) का आयोजन किया जाएगा, जो बहुत ही पवित्र और आध्यात्मिक मानी जाती है। इसमें बाइबिल के प्रसंग सुनाए जाते हैं और विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं।
मानसरोवर स्थित मारथोमा चर्च में 22 दिसंबर को शाम 6 बजे से क्रिसमस कैरल सर्विस कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस दौरान प्रभु यीशु के जन्म से संबंधित गीत गाए जाएंगे। महिलाओं, पुरूषों और बच्चों के अलग-अलग पारंपरिक वेशभूषा में गीत-संगीत के बीच विभिन्न प्रस्तुतियां देंगे। इस दौरान क्रिसमस कैरल्स का संदेश देने सेंट मेरीस ओरथोडोक्स चर्च, मुरलीपुरा के मुखिया विकार रेवरन फादर जोमोन जॉर्ज शिरकत करेंगे।
साथ ही, कई ईसाई धर्मगुरू कार्यक्रम में अतिथि के रूप मेें शिरकत करेंगे और प्रभु यीशु के उपदेश सुनाएंगे। वहीं 25 दिसंबर को सुबह 6 बजे से होली कुरबाना रखा गया है। इसी के साथ दिनभर विभिन्न आयोजन होंगे। इसके लिए चर्च को फूलों, मोमबत्तियों, विशेष लाइटिंग और अन्य तरीकों से सजाया-संवारा जा रहा है।
इन चर्च में होंगे आयोजन
राजधानी के सेक्रेड हार्ट्स चर्च, एंड्रयूज चर्च न्यू अपोस्टोलिक चर्च, सेंट जेवियर्स चर्च, मार्थोमा चर्च, ऑल सेंट्स चर्च, पेंटेकोस्टल मिशन सोसाइटी चर्च, मोर ग्रेगोरियोस जैकोबाइट सीरियन चर्च, न्यू लाइफ फेलोशिप चर्च, अगापे फेलोशिप चर्च सहित अन्य सभी चर्च में गिरजाघरों में सजावट से लेकर रंग रोगन, साफ सफाई का काम तेजी से चल रहा है। पर्व को लेकर बच्चे, बूढ़े , जवान सभी में उल्लास है।
कुछ चर्च में क्रिसमस की विशेष प्रेयर 24 दिसम्बर को रात 12 होगी। इसे मिड नाइट प्रेयर कहा जाता है। हालांकि ज्यादातर चर्च में 25 दिसंबर को सुबह ही यीशु के जन्मोत्सव का उत्सव मनाया जाएगा। यीशु के जन्म की झांकी सजाई जाएगी। फादर विशेष प्रार्थना करवाएंगे। सांता बच्चों को उपहार बांटेगा।