जयपुर। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं जवाहर कला केंद्र जयपुर के सहयोग से मधुरम के अतंर्गत आयोजित नृत्यम् महोत्सव का बुधवार को दूसरा दिन रहा। प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मश्री अलंकृत माधवी मुद्गल ने ओडिसी और गौरी दिवाकर ने कथक की प्रस्तुति से समां बांधा। शास्त्रीय नृत्यों के लालित्य से सराबोर समारोह नृत्यम् में कला अनुरागियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसी के साथ नृत्यम् महोत्सव का समापन हुआ।
पद्मश्री माधवी मुद्गल की प्रस्तुति बेहद खास रही। ओडिसी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर उन्होंने दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। उन्होंने अथर्व वेद की ऋचा पर सम भाव प्रस्तुति से मानव जाति में एकता की कामना प्रकट की। इसकी बाद बसंत के सौंदर्य को उन्होंने मंच पर साकार किया। ओड़िया गीत पर उन्होंने आंगिक अभिनय और उत्कृष्ट भाव भंगिमा से सुशोभित प्रस्तुति दी।
स्फुरण के साथ उन्होंने प्रस्तुति का समापन किया। गौरी दिवाकर ने कथक की प्रस्तुति में राधा के सौंदर्य को मंच पर जीवंत किया। बेहतर फुटवर्क और विभिन्न भाव भंगिमाओं के साथ कथक प्रस्तुति से उन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।