जयपुर। प्रदेश की नगर निकायों में हो रही सफाई कर्मचारी भर्ती का विरोध शुरू हो गया है। प्रदेश में वाल्मीकि समाज से जुड़े कर्मचारियों ने विरोध शुरू किया है। जयपुर नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय पर सोमवार संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने बैठक बुलाई है। विभिन्न मांगो को लेकर सरकार से विरोध के चलते बैठक में तय किया गया कि सोमवार से ही सफाई कार्य का बहिष्कार शुरू कर दिया है। सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है। आमजन को परेशानी से बचाने लिए निगम को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। ताकि आमजन के साथ यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों कचरा और गदंगी से परेशानी ना झेलनी पड़े।
संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि राज्य सरकार 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने जा रही है। इसकों लेकर सोमवार को हैरिटेज मुख्यालय जलेबी चोक में सम्पूर्ण राजस्थान के सभी सफाई कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की एवं सफाई कर्मचारियों की आम सभा रखी गई। आम सभा में सभी ने एकमत होकर निर्णय लिया की स्वायत्त शासन विभाग द्वारा 24797 सफाई कर्मचारियों की भर्ती लॉटरी द्वारा 2018 की तर्ज पर की जा रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
उनकी मांग है कि सफाई कर्मचारी भर्ती मस्ट्रोल द्वारा की जाए, सफाई कर्मचारी भर्ती 2024 में जिन अभ्यार्थियों ने नगर निगम में काम किया है उन्हे प्राथमिकता दी जाए, जिन अभ्यार्थियों के कोर्ट केस चल रहे है उन्हे प्राथमिकता दी जाएं। वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाएं। चुनाव आचार संहिता की आड़ में सफाई कर्मचारी भर्ती रोकी नही जाए। जब तक उक्त मांगे पूरी नहीं होती है तब तक जयपुर शहर सहित सम्पूर्ण राजस्थान के सफाई कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर सफाई कार्य का बहिष्कार किया जाएगा।
बता दें कि संघ से जुड़े कर्मचारी इस भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही इस भर्ती से पहले वे प्रैक्टिकल करवाने की भी मांग कर रहे हैं, ताकि अन्य समाज के लोग जो इस भर्ती में आवेदन कर रहे हैं, उनसे सफाई (सड़क पर झाड़ लगाने, गंदी नालियों को साफ करने, कचरा उठाने) के काम करवाकर उनका टेस्ट लिया जा सके।
पहले भी किया था विरोध
इससे पहले भी जनवरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग को लेकर संघ ने प्रदर्शन किया था। उस समय भी संघ से जुड़े कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी थी। कर्मचारियों ने उस समय भर्ती में एग्जाम देने की प्रक्रिया का विरोध किया था। यूडीएच मंत्री का प्रभार संभालने के बाद मंत्री झाबरमल खर्रा ने कहा था कि हम एग्जाम के जरिए भर्ती करवाने पर विचार कर रहे हैं।