जयपुर। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा संसद में महाराणा सांगा को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद राजस्थान में राजपूत समाज में भारी आक्रोश फैल गया है। जयपुर के पांच बत्ती स्थित राजपूत सभा भवन में सर्व समाज की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें समाज के प्रबुद्ध लोगों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया।

बैठक में राजपूत समाज के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई और करणी सेना की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष कीर्ति राठौर , रघुवीर सिंह,शशांक शर्मा, मीना राठौर ,रेनू अग्रवाल ,बृजेश पवार ,विमल प्रजापति, मधु सोनी , निधि भाटी अंतिम राठौड़ कविता झंकार और अन्य समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे। उन्होंने राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को याद दिलाते हुए कहा कि “राजपूत समाज ने हमेशा त्याग और बलिदान की परंपरा निभाई है और वीर महाराणा सांगा का अपमान पूरे समाज का अपमान है।”

राजपूत समाज के नेताओं ने मांग की कि रामजीलाल सुमन की संसद सदस्यता रद्द की जाए और उन पर सख्त कार्रवाई हो। इस दौरान तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कुछ वक्ताओं ने कहा कि रामजीलाल सुमन का कृत्य बाबर और दौलत खान की विचारधारा से प्रेरित लगता है। उन्होंने इस प्रकार की मंशा को बढ़ावा देने के ऊपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदू समाज के खिलाफ और उनकी आस्था के खिलाफ हमेशा से आघात होता आ रहा है।

विरोध प्रदर्शन के दौरान समाज की महिलाओं ने ने हाथों में तलवारें लेकर महाराणा सांगा और राजपूत समाज के त्याग एवं शौर्य को नमन किया और चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कीर्ति राठौर और सभी समाज के लोगों ने राम जी लाल सायल को मुगलों की औलाद बताते हुए उनके लिए हस्ताक्षर करके कफन भेजने का सुझाव पारित किया।
इस घटना के बाद राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि इस विवाद पर सरकार और संबंधित दलों की क्या प्रतिक्रिया आती है।