जयपुर। राजधानी जयपुर में मंगलवार को भौम पुष्य नक्षत्र पर शहरभर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य भगवान गजानन का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण करवाई गई। श्रद्धालुओं द्वारा अष्टोत्तरशत नामावली पाठों से प्रथम पूज्य से सुख-समृद्धि की कामना की गई। इस विशेष अवसर पर शहर के गढगणेश मंदिर, मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, नहर के गणेश जी, श्वेत सिद्धि विनायक मन्दिर, ध्वाजाधीश गणेश, परकोटे वाले गणेश मन्दिर सहित गणेश विभिन्न मंदिरों में पंचामृत अभिषेक व विशेष श्रंगार सहित कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हुए और ध्वजाधीश को नई पोशाक पहनाई गई।
शहर के मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत पंडित कैलाश शर्मा के सान्निध्य में मंगलवार सुबह आठ बजे गणेश जी महाराज का 151 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद एवं केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र एवं गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया। इसके बाद भगवान श्री गणपति सहस्त्रनाम से 1008 मोदक अर्पित किए गए। भगवान गणेश जी महाराज को नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगले में विराजमान किया गया। भगवान को खीर का विशेष भोग लगाया और अभिषेक के बाद भक्तों को रक्षा सूत्र निःशुल्क वितरित किए गए।
श्री नहर के गणेश जी का हुआ पुष्याभिषेक
इधर ब्रह्मपुरी माऊण्टरोड़ पर स्थित अति प्राचीन दाहिनीं सूँड़ दक्षिणमुखी श्री नहर के गणेशजी महाराज के मंदिर में गणपति प्रभु का मंगलवार को प्रातः 11 बजे पुष्य नक्षत्र के पावन अवसर पर पंचामृत अभिषेक मंदिर महंत पंडित जय शर्मा के सानिध्य में मंदिर परिवार द्वारा किया गया।
मंदिर युवाचार्य पंडित मानव शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर श्री गणपति अथर्वशीर्ष व श्री गणपति अष्टोत्तरशत नामावलि के पाठ कर गणपति का पंचामृत अभिषेक किया गया तथा अभिषेक के पश्चात गणपति को नवीन पौषाक धारण करवाई गई। वैदिक मंत्रों के द्वारा मोदक भोग लगाकर ऋग्वेदोक्त गणपति मात्रिका का पठन किया गया। साथ ही 251 दीपकों से महाआरती की गई । मंदिर में दर्शनार्थ आने वाले भक्तजनों को सुख-समृद्धि कारक रक्षासूत्र वितरित किए गये ।
परकोटा गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य को लगाया मोदक का भोग
वहीं चांदपोल परकोटा गणेश मंदिर में पुष्य नक्षत्र के अवसर पर मंगलवार सुबह भगवान का पंचामृत अभिषेक मंदिर महंत राहुल शर्मा के सानिध्य में हुआ। युवाचार्य पंडित अमित शर्मा ने बताया कि सर्वप्रथम गणेश जी महाराज को 101 किलो दूध से अभिषेक कर नवीन चोला और पोशाक धारण कराई गई । गणेश जी महाराज को फूल बंगले में विराजमान कर 108 मोदक गणपति अष्टोत्तर नामावली से अर्पित कर श्रद्धालुओं को हल्दी की गांठ -सुपारी वितरित की। भगवान गणेश की विशेष पूजा अर्चना हुई प्रथम पूज्य की महाआरती कर के मोदकों का भोग लगाया।