जयपुर। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव-2024 के दौरान स्वतंत्र, निष्पक्ष और धन-बल के प्रभाव रहित निर्वाचन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं को लुभाने वाली अवैध नकदी, शराब, नशीले पदार्थ और अन्य अवैध सामग्री के वितरण पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इस क्रम में 7 जिलों में बुधवार तक कुल 13.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अवैध नकदी सहित अन्य सामग्री जब्त की गई है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव के लिए 15 अक्टूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप गठित उड़न दस्तों, स्थैतिक निगरानी टीमों एवं अन्य एन्फोर्समेंट एजेंसियों ने अवैध वस्तुओं के परिवहन पर लगातार कड़ी नजर रखी है। बुधवार तक पकड़ी गई 13.5 करोड़ रुपये की अवैध सामग्री में 2.5 करोड़ रुपये नकद राशि है। साथ ही इन एजेंसिंयों के बीच परस्पर समन्वय से 1.1 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध शराब और लगभग 1.5 लाख रुपये कीमत की नशीले पदार्थ पकड़े गये हैं।
दौसा जिले में 2 करोड़ रुपये अवैध नकद राशि
महाजन के अनुसार, बुधवार को अलवर में एक वाहन से 35 लाख रुपये नकद बरामद किए गए। आचार संहिता की अवधि के दौरान दौसा जिले में लगभग 2 करोड़ रुपये अवैध नकद राशि की जब्ती हुई है। इस अवधि में अब तक अलवर में लगभग 35 लाख रुपये और डूंगरपुर में 10.5 लाख रुपये अवैध नकद राशि मिली है । सर्वाधिक 9.78 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की फ्रीबीज़ एवं अन्य सामग्री भी जब्त हुई है।
आयोग की ओर से 11 पर्यवेक्षक नियोजित
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 7 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा चुनावी खर्च पर नियंत्रण और निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने पर्यवेक्षक नियोजित कर दिए हैं। आयोग ने सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक-एक सामान्य पर्यवेक्षक और कुल 4 पुलिस पर्यवेक्षक सहित कुल 11 पर्यवेक्षक नियोजित किए हैं. सभी 7 क्षेत्रों के लिए उड़न दस्तों और स्थानिक निगरानी दल के रूप में 72-72 टीमें निगरानी कर रही हैं। पुलिस तथा आबकारी विभागों ने अंत:राज्य एवं अंत:जिला नाके भी स्थापित किए हैं, जिन पर वाहनों की सघन जांच की जा रही है।