जयपुर। नव वर्ष समारोह समिति ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मांग की है कि राजस्थान दिवस 30 मार्च के स्थान पर नव विक्रमी संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाए। समिति के प्रवक्ता महेंद्र सिंघल ने बताया कि जैसा कि सभी जानते हैं कि संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन चैत्र शुक्ल एकम् प्रतिपदा संवत 2006 तदनुसार 30 मार्च 1949 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था। सरदार पटेल ने संयुक्त राजस्थान का उद्घाटन करते समय दिए गए अपने भाषण में कहा था कि राजपूताना में नए साल का प्रारंभ है।
यहां इस दिवस साल बदलता है। शक बदलता है। यह नया वर्ष है, तो इस दिन हमें नए महा- राजस्थान के महत्व को पूर्ण रीति से समझ लेना चाहिए। आज अपना हृदय साफ कर ईश्वर से हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें राजस्थान के लिए योग्य राजस्थानी बनाएं। राजस्थान को उठाने के लिए, राजपूतानी प्रजा की सेवा के लिए ईश्वर हमको शक्ति और बुद्धि दे।
इस शुभ दिन हमें ईश्वर का आशीर्वाद मांगना है। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब मेरे साथ राजस्थान की सेवा की इस प्रतिज्ञा में, इस प्रार्थना में शरीक होंगे। इसको ध्यान में रखते हुए नव वर्ष समारोह समिति ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि राजस्थान दिवस 30 मार्च के स्थान पर नव संवत पर मनाया जाए ताकि राजस्थान दिवस का उत्सव सरकारी न रहकर आम जन का बन सके।
सैकड़ों स्थानों पर होंगे आयोजन
नव संवत्सर पर राजधानी में सैंकड़ों स्थानों पर आयोजन होंगे। इसमें शोभायात्राएं, प्रभातफेरी भी शामिल है। सौ से अधिक चौराहों पर रंगोली बनाई जाएगी। सीकर रोड पर भगवा रैली निकाली जाएगी। घर-घर पर भगवा ध्वज फहराए जाएंगे।