जयपुर। पुलिस मुख्यालय की ओर से गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए की जा रही सघन कार्रवाई के दौरान पांच गुमशुदा बच्चों को बाल आश्रय स्थलों से दस्तयाब किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिविल राइट्स स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में अनाश्रित बच्चों को आश्रय देने के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी बाल आश्रय स्थलों में निवासरत बच्चों की तस्दीक की जिम्मेदारी जिला मानव तस्करी विरोधी यूनिट को दी गयी। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश एवं निर्धारित प्रारूप अनुसार सूचनाएं प्राप्त कर संकलित की गयी एवं इन्ही सूचनाओं के आधार पर इन बच्चों को दस्तयाब किया गया है।
श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान में 51 सरकारी एवं गैर सरकारी बाल आश्रम स्थल संचालित है और इनमें अक्टूबर 2023 तक कुल 245 लावारिस बच्चे निवासरत थे। इनके माता-पिता व निवास स्थान के संबंध में कोई जानकारी नही थी। ऐसे बच्चों की सूचना एकत्रित कर समस्त जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, नई दिल्ली, झारखण्ड , उत्तराखण्ड को मिलान के लिए भिजवाया गया। एडीजी ने बताया कि आशातीत सफलता प्राप्त करते हुए बाल आश्रम स्थलों में निवासरत बच्चों में पांच गुमशुदा बच्चों को दस्तयाब किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रकरण संख्या 86/2023 थाना श्याम नगर जिला जयपुर दक्षिण की एक गुमशुदा बालिका को 29 सितम्बर को आरती बाल सुधार गृह अलवर से दस्तयाब किया गया। इस प्रकार प्रकरण संख्या 412/2022 थाना सदर जिला बाड़मेर के एक गुमशुदा बालक को 17 सितम्बर जागृति जन सेवा संस्थान आहोर जालोर से दस्तयाब किया गया है। वहीं प्रकरण संख्या 351/2022 थाना कोतवाली जिला पाली में एक गुमशुदा बालक को 28 नवम्बर को बाल आश्रम स्थल जोधपुर से दस्तयाब किया गया है। इसी प्रकार प्रकरण संख्या 257/2022 थाना भवानी मंडी, जिला झालावाड़ के दो गुमशुदा बालकों को 17 सितम्बर को बाल कल्याण समिति बूंदी से दस्तयाब किया गया है।