जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल ने रविवार को ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि कांग्रेस सरकार की चल रही कोई योजना बंद नहीं होगी। बल्कि उन्हें और ज्यादा सशक्त और मजबूत किया जायेगा। किंतु भाजपा सरकार बनते ही राजीव गांधी युवा मित्र कार्यक्रम को निरस्त कर कार्यरत पांच हजार युवाओं को बेरोजगार करने के साथ दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर कर दिया, उनका खर्चा व परिवार का पालन-पोषण कैसे होगा, इस पर जरा भी विचार भाजपा सरकार ने नहीं किया। युवाओं की चिंता करने की बजाए दिल्ली से आये फरमान की राजीव गांधी के नाम से चल रही योजनाओं को बंद किया जाये, पर निर्णय करते हुए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम बंद कर प्रदेश के 5 हजार युवाओं के रोजगार को छीनने का कार्य भाजपा की नवनिर्वाचित सरकार ने किया है।
यह बात राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने मंगलवार पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार चाहती तो इस कार्यक्रम का नाम परिवर्तित कर सकती थी। किन्तु सरकार ने नये साल के आने से पूर्व ही प्रदेश के युवाओं के साथ इस योजना को बंद कर क्रूर मजाक किया है, जो समझ से परे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा में यही फर्क है कि जो विद्यार्थी मित्र भाजपा शासन में लगे थे। इस योजना को हमने आगे बढ़ाया था, ग्राम पंचायत सहायकों को भी आगे बढ़ाने का कार्य किया और जब कांग्रेस शासन में आई तो कांग्रेस सरकार ने इन युवाओं के भविष्य को सुदृढ़ करने हेतु राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हॉयरिंग (सिविल पोस्ट) रूल्स बनाये और शिक्षाकर्मी, पैराटीचर, ग्राम पंचायत सहायक, मदरसा पैराटीचर आदि को स्थायी करने का मार्ग प्रशस्त किया था।
जिसमें 18 हजार 500 रूपये व 10 हजार 400 रूपये से वेतन की शुरूआत करने का कार्य किया जबकि पूर्व 8000 रूपये उन्हें प्राप्त होते थे। आज इन कर्मचारियों को आसानी से सेवामुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि कांग्रेस सरकार ने नियम लागू किये है और आगे चलकर उन्हें 30 से 32 हजार रुपये वेतन मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को राजीव गांधी युवा मित्र योजना का नाम बदलकर राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हॉयरिंग टू सिविल पोस्ट नियम के तहत ही इनको लाभ देना चाहिए था क्योंकि यह नियम आज भी लागू हैं, समाप्त नहीं हुये हैं, राजस्थान की विधानसभा में सभी ने स्वागत करते हुये यह रूल्स पारित किये थे।
उन्होंने कहा कि इन नियमों का लाभ इस कार्यक्रम के तहत कार्यरत राजीव गांधी युवा मित्रों को देने में भाजपा सरकार को क्या परेशानी थी, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा कि पिछले 20-21 दिन में प्रदेशभर में यह चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री स्वयं के विवेक से कोई निर्णय नहीं लेते हैं बल्कि उन्हें बाहर से मार्गदर्शन मिलता है, इसलिये उनके लिये यह सुझाव है कि अब राजस्थान की जनता से जनादेश प्राप्त कर मुख्यमंत्री बने हैं तो इन युवाओं के भविष्य की चिंता करते हुये इन्हें बेरोजगार ना करे तथा इनकी रोजी-रोटी ना छीने।
उन्होंने कहा कि सरकार बनने से पूर्व चुनावों में तथा चुनाव जीतने पर भाजपा के नेताओं ने इस तरह का माहौल बनाया कि प्रदेश में पिछले पांच साल में अपराध बढ़ गये हैं, किन्तु आज भाजपा के शासन में आते ही अचानक आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोत्तरी हुई है और लगातार गंभीर अपराध हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को राजीव गॉंधी युवा मित्र इन्टर्नशिप कार्यक्रम को पुनः चालू कर यथावत रखना चाहिये, भले ही योजना का नाम बदल दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मांग है कि राजस्थान के सेवारत युवाओं को बेरोजगार करने का कार्य ना करे। उन्होंने कहा कि रामराज के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे थे किन्तु आज अपराध बढ़ रहे हैं, नौजवान छला जा रहा है, रामराज तो नहीं मिला लेकिन युवाओं एवं बेरोजगारों में भाजपा के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है।