जयपुर। आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में भक्तों को हस्तलिखित 109 अरब से अधिक राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा करने का सौभाग्य मिलेगा। गोविंददेवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मार्गशीर्ष माह में प्रद्युम्न कुमार गोस्वामी की स्मृति में राम नाम महामंत्र परिक्रमा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
अधिक से अधिक लोगों को परिक्रमा करने का लाभ उठाना चाहिए। मंदिर के सत्संग भवन में तीन दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित राम नाम महामंत्रों की परिक्रमा महोत्सव का शुभारंभ मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी राम दरबार और गोविंद देवजी की पूजा-अर्चना कर करेंगे। सत्संग भवन में सुबह पांच बजे से शाम 7 बजे तक श्रद्धालु राम नाम पुस्तिकाओं की परिक्रमा कर सकेंगे।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का महत्व तकनीक के दौर में युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया जा रहा है। महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि राम नाम की परिक्रमा ब्रह्मांड में स्थित समस्त तीर्थों का पुण्य प्रदान करती है। जयपुर में 10वीं बार राम नाम परिक्रमा का आयोजन किया जा रहा है। राम नाम बैंक अजमेर की ओर से कई गाडिय़ों से हस्त लिखित राम नाम महामंत्र की पुस्तिकाएं गोविंददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में व्यवस्थित रूप से रखी जाएंगी। जयपुर में सबसे पहले 2005 में यह आयोजन शुरू हुआ। तब राम नाम बैंक में 17 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्र ही थे, जो अब बढक़र 101 अरब राम नाम महामंत्र का संग्रह हो गया है।
जयपुर में 13वीं बार आयोजन
जयपुर में इस बार 13वीं बार राम नाम परिक्रमा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी में सबसे पहले 2005 में यह आयोजन शुरू हुआ। तब इस बैंक में 17 अरब हस्तलिखित राम नाम महामंत्र ही थे, जो अब बढक़र 109 अरब राम नाम महामंत्र का संग्रह हो गया है।
इन शहरों में हो चुका है आयोजन
सन् 1987 में मानव मंगल सेवा न्यास, राम नाम धन संग्रह बैंक, अजमेर के सहयोग से यह आयोजन शुरू किया गया है। संस्थापक बाल कृष्ण पुरोहित ने बताया कि राम नाम धन संग्रह बैंक में 101 अरब से ज्यादा हस्तलिखित राम नाम महामंत्र संग्रह है। राम नाम लिखने वाले भक्तों द्वारा जमा पुस्तकों का रेकॉर्ड भी रखा जाता है। राम नाम धन संग्रह बैंक के देशभर में 60 हजार से अधिक स्थाई सदस्य हैं। इस बार राम नाम लिखने के लिए 15 हजार से अधिक पुस्तकें वितरित की जाएगी। हर सदस्य को 84 लाख बार राम नाम लिखने का संकल्प लेना होगा। अजमेर, उदयपुर, नाथद्वारा, भीलवाड़ा, झांसी, अहमदाबाद सहित अन्य शहरों में परिक्रमा महोत्सव का आयोजन हो चुका है।
मिलता है ब्रह्मांड की परिक्रमा का लाभ
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि प्राचीन धर्म ग्रंथों में राम नाम को तारक मंत्र कहा है। यह लोक-परलोक दोनों को तारता राम नाम की परिक्रमा ब्रह्मांड की परिक्रमा समान है। राम नाम के लेखन और उच्चारण मात्र से मन को विशेष शांति की अनुभूति मिलती है। युवा पीढ़ी धर्म और संस्कृति से जुडक़र राम नाम का गुणगान करें।