जयपुर। श्रीराम मंदिर प्रन्यास,श्री सनातन धर्म सभा के तत्वावधान में आदर्श नगर स्थित श्रीराम मंदिर परिसर के श्री रामलीला मैदान में श्री रामलीला का उद्घाटन गणेश पूजन के साथ गुरुवार रात्रि 8 बजे किया गया । प्रन्यास के महामंत्री अनिल खुराना ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबू लाल गुरनानी रहे। विशिष्ट अतिथि स्वाति परनामी,महेश कलवानी,ऋतु मोतियानी,नीरत अग्रवाल (पार्षद) उपस्थित रहे। उपाध्यक्ष राजीव मनचंदा ने अतिथियों का स्वागत किया।
राम लीला प्रभारी केशव बेदी ने बताया कि रामलीला 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से आयोजित की जाएगी ।जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। 12 अक्टूबर को विशाल दशहरा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
रामलीला के प्रथम दिवस पर कोटा की प्रसिद्ध सुरभि कला केंद्र के कलाकारों ने राम लीला का मंचन किया ।शिव पार्वती संवाद की लीला में माता पार्वती ने विनयपूर्वक भगवान शंकर से श्री राम जी की लीलाओं के बारे में पूछा। उन्होंने पूछा कि भगवान श्री राम ने पृथ्वी पर क्यों अवतार लिया । भगवान शंकर ने कहा कि मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवउ सो दसरथ अजिर बिहारी ।।भगवान श्री राम मंगल के धाम अमंगल हरने वाले और दशरथ जी के आंगन में खेलने वाले वे( बाल रूप) श्री रामचंद्र जी मुझ पर कृपा करें।
भगवान शंकर ने कहा कि सगुण और निर्गुण में कुछ भेद नहीं है जो निर्गुण ,निराकार अलख( अव्यक्त )और अजन्मा है वही भक्तों के प्रेम वश सगुण हो जाता है ।भगवान के अवतार लेने के कई कारण हैं जब जब होइ धर्म कै हानि। बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी ।।जब-जब धर्म का ह्रास होता है और नीच अभिमानी राक्षस बढ़ जाते हैं और जब जब ब्राह्मण, गौ ,देवता और पृथ्वी कष्ट पाते हैं तब तब कृपा निधान दिव्य शरीर धारण कर सज्जनों की पीड़ा हरते हैं ।
आगे नारद मोह की लीला का मंचन हुआ कि भगवान की लीला के कारण नारद जी को ऐसा रूप चाहिए था, जिससे राजकुमारी स्वयंवर में रीझ जाए और जयमाला उनके गले में डाल दे ।प्रभु से नारद जी ने कहा जेहि बिधि नाथ हुई हित मोरा। करहु सो बेगि दास मैं तोरा।। हे नाथ जिस तरह मेरा हित हो आप शीघ्र वही कीजिए। तब प्रभु अपनी माया का विशाल बल देख दीनदयाल मन ही मन मुस्करा कर बोले जेहि बिधि हुई परम हित नारद सुनहु तुम्हार ।
हे नारद सुनो जिस प्रकार आपका परम हित होगा, हम वही करेंगे। नारद मुनि को मोह हो गया था भगवान ने हरि (वानर)रूप देकर उनका मोह भंग किया। नारद जी ने भगवान को श्राप दिया कि बंदर ही आपकी सहायता करेंगे और आप भी स्त्री के वियोग में दुखी होंगे। जब भगवान ने माया हटाई तो नारद जी ने श्री हरि के चरण पकड़ लिए ।भगवान ने कहा यही तो मैं चाहता था कि आपका मोह नष्ट हो और मैं पृथ्वी पर जाकर ऋषि मुनियों के संताप को हरूं ।
महामंत्री अनिल खुराना ने बताया कि शुक्रवार को पृथ्वी पुकार ,श्री राम जन्म ,शिव दर्शन लीला ,नामकरण संस्कार और विद्याध्यन की लीला होगी।