जयपुर। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित आचार्य पीठ सरस निकुंज में सोमवार को शुक संप्रदायाचार्य छोटे दादा गुरुदेव रसिक शरण महाराज का 126 वां जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में सुबह ठाकुर श्रीराधा सरस बिहारी जू सरकार का वेदोक्त मंत्रों से अभिषेक और पूजन फूलों से मनोरम श्रृंगार किया गया।
दोपहर को मंगलाचरण के बाद शहर के विभिन्न मंडलों और वैष्णव भक्तों ने ‘जुगल छवि देखे ही बनि आवे…छविले दौउ छवि सो कुंज विराजे… जन्मदिन उन्हीं का मनाने चले हैं जिनकी शरण में रहकर पले हैं…म्हाने लागे रसिक गुरु प्यारा रे लाल, गाओ री बधाई उमंग भर के… जैसे पारम्परिक पदों का गायन कर श्रोताओं को भक्ति की मस्ती में झूमा दिया। वाद्य यंत्रों की सुरीली तान पर श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचते रहे। गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी, श्री काले हनुमान मंदिर के योगेश शर्मा ने सरस बधाइयों का श्रवण किया। श्री सरस निकुंज की ओर से सभी को दुपट्टा धारण कराकर सम्मान किया गया।
इस मौके पर सरस निकुंज परिसर को बधाइयों के बैनर, पुष्प-पल्लव से विशेष रूप से सजाया गया। संध्या आरती के बाद कुछ देर विश्राम हुआ। फिर पूरी रात जागरण के दौरान भक्ति रस की अविरल रस धार प्रवाहित होती रही। आचार्य वाणी पाठ, बधाई गीत के अलावा गुरु महिमा की भक्ति गजल और विनय के पदों का मंगलवार सुबह तक गायन हुआ।