जयपुर। राजस्थान विधानसभा के आगामी सत्र को लेकर अठारह जनवरी को आयोजित होने वाली सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सभी को आमंत्रित किया गया है। लेकिन आरएलपी प्रमुख व खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने इस बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
आरएलपी प्रमुख व खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल का कहना है कि उन्होंने इस बैठक का बहिष्कार करने का फैसला इस लिए किया है क्योंकि राज्य का युवा पीड़ित है। नई सरकार के गठन को लेकर एक माह से भी अधिक समय हो गया। मगर सरकार राजस्थान के युवाओं को न्याय देने की बात पर खामोश नजर आ रही है।
बेनीवाल ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता करके कहा था कि भाजपा की सरकार बनेगी तो आरपीएससी को भंग करेंगे। लेकिन सत्ता में आने के उनकी पार्टी इस बात को लेकर खामोश गई और दुर्भाग्य इस बात का है की जिस बाबूलाल कटारा को पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार करके जेल में डाला वह आज भी आरपीएससी का सदस्य है। और साथ ही वेबसाइट पर भी उसका सदस्य होना दर्शाया जा जा रहा है।
बेनीवाल ने सरकार से सवाल करते हुए कहा की आरपीएससी को भंग कब करोगे ? इस पवित्र संस्था की गरिमा को जिस तरह विगत 20 वर्षों से तार-तार किया जा रहा है,उसमे सुधार करने के स्थान पर आखिर भाजपा और कांग्रेस की मानसिकता से प्रेरित लोग जिन्हें अध्यक्ष व सदस्य बनाया गया। उन पर सरकार अपनी मेहरबानी कब तक बनाए रखेगी ? बेनीवाल ने यह भी कहा की लोगो को उम्मीद थी की राज बदला है तो रिवाज भी बदलेगा। लेकिन अफसरों की वो ही फौज जो गहलोत- वसुंधरा के शासन काल को चला रही थी। वो ही अधिकारी इस सरकार को चला रहे है। उन्होंने आरएएस मुख्य परीक्षा की तिथि को अभ्यर्थियों की मंशा के अनुरूप स्थगित करने की बात भी कही।