जयपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में तीन दिवसीय चेतना उत्थान साधना शिविर का समापन हुआ। नववर्ष में साधकों को साधना की नई ऊर्जा से परिपूर्ण करने के लिए आयोजित शिविर में 24 साधकों ने भाग लिया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि गायत्री परिवार की धुरी साधना ही है। शक्तियों के सही उपयोग के लिए साधना को आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा, सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी, गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता सतीश भाटी, डॉ. प्रशांत भारद्वाज ने भी संबोधित किया। नए साधकों ने साधना की जीवन को अभिन्न अंग बनाने का संकल्प लिया। प्रारंभ मेें वेदमाता गायत्री और गुरू सत्ता के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया। तीन दिवसीय शिविर में व्यक्ति की आंतरिक चेतना का स्तर ऊपर उठाने के लिए साधकों ने गायत्री महामंत्र का जप किया।
आंतरिक शक्ति के जागरण के लिए ध्यान और शरीर की सुरक्षा के लिए योग-प्राणायाम का अभ्यास किया। हवन और स्वाध्याय भी नियमित रूप से किया गया। साथ ही शिविर में उत्कृष्टता, मानवीय चेतना के उत्थान, संवेदना की पूर्णता के लिए अनेक आध्यात्मिक गतिविधियों भी करवाई गई।