जयपुर। कर्म फलदाता और न्यायप्रिय ग्रह शनि 30 जून को अपनी स्वराशि और मूल त्रिकोण राशि कुंभ में वक्री होंगे। शनि करीब 139 दिनों तक वक्री होंगे। शनि की वक्री चाल से कुछ राशि वालों को धन-दौलत, सुख-समृद्धि और वैभव में अपार बढ़ोतरी हो सकती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी शनि की चाल में परिवर्तन आता है तो इसका व्यापक प्रभाव सभी राशियों के जातकोंपर होता है। शनि सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल से चलने वाले ग्रह हैं। यह एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करने के लिए करीब ढाई वर्ष तक का समय लेते हैं।
ये हैं भाग्यशाली राशियां :
मेष राशि :
न्याय और कर्म फलदाता शनि का कुंभ राशि में वक्री होना मेष राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ फलदायी साबित होता है। शनि देव आपकी राशि से आय और लाभ के स्थान पर 30 जून को वक्री होने जा रहे हैं। शनि का वक्री होना अच्छा लाभ प्रदान करने वाला होगा। धन लाभ के अच्छे स्त्रोत प्राप्त होंगे। निवेश के बहुत सारे मौके आपको मिलेगा। अचानक धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
वृषभ राशि:
शनि का कुंभ राशि में वक्री होना वृषभ राशि के जातकों के लिए बहुत ही अनुकूल साबित हो सकता है। शनिदेव आपकी राशि से कर्म भाव में उल्टी चाल से चलने वाले हैं। नौकरी में अच्छे मौके प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में भी अच्छा मुनाफा और अवसर हासिल होंगे। कार्यक्षेत्र में हाथ में कोई नया प्रोजेक्ट प्राप्त हो सकता है।
मकर राशि:
मकर राशि के लोगों के लिए शनिदेव का वक्री होना बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है। शनिदेव आपकी राशि से दूसरे और वाणी के भाव में वक्री होने जा रहे हैं। आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। करियर में उन्नति के बड़े अवसर प्राप्त होंगे। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। भौतिक सुख-सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी।