जयपुर। पंजाबी समाज के प्रमुख संत स्वामी श्री गंगा दास जी महाराज के सात दिवसीय 87 वें वार्षिकोत्सव के अंतर्गत गोविंद मार्ग बर्फखाना स्थित स्वामी श्री गंगादास जी मंदिर में शुक्रवार को विशेष फूल बंगले की झांकी सजाई गई । सुबह स्वामी जी की मूर्ति का पंचामृत अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराए गए । मंदिर परिसर को कई तरह के पुष्पों से सजाया गया था ।
बिजली की झालरों से मंदिर परिसर जगमग कर उठा। सभा के अध्यक्ष डॉ .महेश पोपली ने बताया कि सहारनपुर के मनोज महाराज ने प्रवचन दिए।उन्होंने कहा कि संतों के हृदय मक्खन के समान होते हैं । इनमें प्रभु का वास होता है ,संतों के निकट होने से ही विवेक की प्राप्ति होती है, संतों की संगति से आनंद प्राप्त होता है और यही कल्याण का मूल मंत्र है ।जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है वैसे ही संत की संगति से अज्ञानी अपना जीवन सुधार कर निज कल्याण करते हैं।
बठिंडा पंजाब से आई हेमलता खेवाणी ने सरायकी भाषा में भजन प्रस्तुत किए तेरे द्वार ते आया हां… जय स्वामी जी महाराज दी कलगियां दे सरताज दी …., वी मैं टांक दा नजारा वेखिया मैनू दस त सही…., आदि भजनों पर श्रद्धालु आनंदित हो उठे। समाज के होनहार और प्रतिभाशाली बालक बालिकाओं को शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
मुख्य कार्यक्रम
शनिवार 15 जून को मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा। स्वामी श्री गंगा दास सत्संग सभा के अध्यक्ष डॉ महेश पोपली ने बताया कि सुबह 8:00 बजे से संगत के द्वारा हवन में आहुतियां प्रदान की जाएंगी । 9:00 बजे लस्सी वितरण होगा ।महामंत्री उमेश तनेजा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायिका हेमलता खेवाणी भजन गंगा प्रवाहित करेंगी।
कोषाध्यक्ष चंद्र प्रकाश सपड़ा ने बताया कि सुबह 11:00 बजे से सहारनपुर के मनोज महाराज स्वामी गंगा दास जी महाराज की शिक्षाओं का गुणगान करेंगे ।जगत गुरु शंकराचार्य स्वामी प्रज्ञानानन्द जी महाराज व्यास पीठ से गुरु महिमा का गुणगान करेंगे। इसके पश्चात समाज के बुजुर्गों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा दोपहर 12:30 बजे से अटूट लंगर बरतेगा जिसमें 15000 से अधिक श्रद्धालु प्रसादी ग्रहण करेंगे।