जयपुर। देवभूमि हरिद्वार से सोमवार को आए शक्ति कलश का गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ में उत्साह और उमंग के साथ स्वागत किया गया। शक्ति कलश को फूलों से सजे खुले वाहन में प्रतिष्ठित कर कालवाड़ के मुख्य मार्गों से नगर भ्रमण कराया गया। जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा और आरती कर शक्ति कलश का स्वागत किया।
महिलाएं चालो चालो सुहागन नार कलश सिर धारण करो…प्रज्ञा गीत की स्वर लहरियां बिखेरती चल रहीं थीं वहीं, युवा हम बदलेंगे युग बदलेगा, नशा भारत छोड़ो, ज्ञान यज्ञ की ज्योति जलाने हम घर-घर में जाएंगे जैसे जयघोष लगा रहे थे। विभिन्न मार्गों से होते हुए शक्ति कलश यात्रा शक्तिपीठ पहुंची। यहां वेदमाता गायत्री और गुरु सत्ता का पूजन किया गया। यहां गोष्ठी हुई। यह शक्ति कलश अन्य स्थानों पर भी ले जाया जाएगा।
समाधि स्थल से शक्तिपात
ट्रस्टी प्रहलाद शर्मा ने बताया कि शक्ति कलश को लाने के लिए गायत्री परिजन दो दिन पूर्व शांतिकुंज गए थे। शांतिकुंज में शोभायात्रा के रूप में शक्ति कलश को पहुंचाया। गायत्री परिवार प्रमुख शैलबाला पंड्या ने कलश में मंगल द्रव्य अर्पित कर पूजन किया। गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीराम शर्मा और भगवती देवी शर्मा के समाधि स्थल सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा पर शक्ति कलश को स्थापित किया गया। गायत्री परिवार उत्तराखंड प्रभारी जय सिंह यादव, राजस्थान जोन के प्रभारी गौरी शंकर सैनी, सह प्रभारी मोहनलाल गौतम ने अभिमंत्रित कलश को गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ के मुख्य ट्रस्टी धर्म सिंह राजावत के निर्देशन में आई मातृ शक्ति को सुपुर्द किया।
कलशयात्रा की तैयारियां शुरू:
उल्लेखनीय है कि आगामी सितंबर-अक्टूबर को विराट 108 कुडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव इसी शक्ति कलश की साक्षी में होगा। 30 सितंबर को निकलने वाली 11 हजार महिलाओं की कलश यात्रा में सबसे आगे यही शक्ति कलश रहेगा। कलश यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई है। इसके लिए महिलाओं की टोलियां गठित की गई हैं।