जयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक वासंतिक नवरात्र में पूरे नौ दिन घर-घर में शक्ति की देवी मां दुर्गा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-अर्चना होगी। घर-घर में घट स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ होगा। ज्योतिषाचार्य राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि पर 30 वर्ष बाद बहुत ही शुभ योग बनने जा रहे हैं। चैत्र नवरात्रि पर अमृत सिद्धि योग, शश योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अश्विनी नक्षत्र का संयोग बनेगा।
नवरात्रि के प्रथम दिन और दशमी को उत्थापन के दिन अश्विन नक्षत्र रहेगा। आमेर के शिला माता मंदिर में दोपहर 12:05 बजे घट स्थापना होगी। दोपहर एक बजे से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खुलेंगे। बाल भोग सुबह 8 बजे से 8:15 बजे तक, प्रातः: आरती 10 बजे होगी। राजभोग सुबह 11 बजे से 11:30 बजे तक, संध्या आरती शाम 6:45 बजे होगी। रात्रि भोग 7:45 बजे से 8 बजे तक, शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी। मंदिर में दर्शन का समय 10 अप्रैल से 17 अप्रैल तक सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 शाम 4 से रात्रि 8: 30 बजे तक रहेगा।
मनसा माता मंदिर में प्रतिदिन चंडी पाठ
आमेर रोड कनक घाटी स्थित ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी के अधीनस्थ मंदिर श्री देवी मनसा माता में चैत्र नवरात्र में प्रतिदिन नक्षत्र पूजन के बाद माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना होगी। गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में नक्षत्र पूजा, चंडी पाठ, श्रृंगार, भोग, आरती और पुष्पांजलि के के कार्यक्रम होंगे। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि नवरात्र घट स्थापना पूजा सुबह साढ़े आठ से दोपहर सवा बारह बजे तक होगी।
नवरात्र की अष्टमी को संधि पूजन में माता रानी को 108 नील कमल अर्पित किए जाएंगे। 108 दीपों से महाआरती की जाएगी। रामनवमी पर 17 अप्रैल को भगवान राम और हनुमान जी की पूजा के बाद कन्या पूजन कर हवन किया जाएगा। दशमी 18 अप्रैल को नवरात्र का उत्थापन होगा।
यहां भी होगी माता रानी की आराधना:
आमेर के मनसा माता, घाटगेट श्मशान स्थित काली माता, दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता, राजा पार्क स्थित वैष्णो देवी, पुरानी बस्ती स्थित रुद्र घंटेश्वरी सहित अन्य देवी मंदिरों में शुभ मुहूर्त में घट स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ होगा। इस बार घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:04 से 12:52 बजे तक है।