जयपुर। गायत्री परिवार की सह संस्थापक भगवती देवी शर्मा और 1925 से प्रज्जवलित अखंड दीपक के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में शांतिकुंज हरिद्वार से आई ज्योति कलश रथ यात्रा ने शुक्रवार को जोबनेर क्षेत्र में विचार क्रांति की अलख जगाई। स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने सामूहिक रूप से स्वागत किया। ज्योति रथ कई विद्यालयों में भी पहुंचा।
विद्यार्थियों ने भारत माता के जयकारों के साथ रथयात्रा का स्वागत किया। गायत्री परिवार की ओर से बच्चों को सद्वाक्य के स्टीकर भेंट किए गए। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मंगलाचरण, स्वस्तिवाचन के साथ ज्योति कलश की आरती उतार की और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रथ यात्रा के दौरान कई लोगों के यहां देवस्थापना भी कराई गई।
गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि ज्योति कलश रथ विशेष वैदिक कर्मकांड के साथ देश भर के पावन तीर्थ के जल सहित सभी गांव-शहरों में भ्रमण कर रहा है। कलश भारतीय संस्कृति का केंद्र बिंदु है। कलश का स्वस्तिवाचन के साथ सभी शुभ कार्यों में पूजन किया जाता है। ये कलश दिव्य और अलौकिक है। इस ज्योति कलश की महिमा अनूठी है। ये ज्योति कलश रथ यात्रा धर्म, संस्कृति के जागरण के लिए निकाली जा रही है।
गायत्री परिवार ग्रामीण के समन्वयक संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण है। स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन और सभ्य समाज की संकल्पना के साथ हम बदलेंगे युग बदलेगा का उद्घोषणा इसका आधार है।