जयपुर। शारदीय नवरात्र गुरुवार से शुभारंभ हो गए है। अभिजीत मुहूर्त के साथ श्रेष्ठ मुहूर्त में घर-घर घट स्थापना हुई। घर-घर, मंदिर-मंदिर सुबह से ही रामायण की चौपाइयों के साथ दुर्गा पाठों की गूंज सुनाई दी। शहर के दुर्गा मंदिरों और हनुमान जी व श्री राम मंदिरों में घट स्थापना के साथ दुर्गा सप्तशती और रामचरित मानस के पाठ शुरू हुए। अब पूरे नौ दिन माता की आराधना होगी। पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की जा रही है।
आमेर शिला माता मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना हुई। इसके बाद मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। इससे पहले सुबह से ही मंदिर में भक्तों को पहुंचना शुरू हो गया। मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए वाहनों को सुबह से ही महल तक जाने से रोक दिया गया। मंदिर शिला माता के जयकारों के साथ जय माता दी… के जयकारों से गूंज उठा। कुछ भक्त कनक दंडवत करते हुए माता के दर्शनों के लिए पहुंच रहे है।
मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होंगे। शिला माता मंदिर में तीन अक्टूबर को सुबह 6.35 बजे मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना होगी। इसके बाद सुबह 7.35 बजे से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 9 अक्टूबर को आमेर में छठ का मेला भरेगा। 10 अक्टूबर को रात 10 बजे निशा पूजा होगी। 11 अक्टूबर को शाम 4.39 बजे पूर्णाहुति होगी। 13 अक्टूबर को सुबह 10.30 बजे उत्थापना होगी। इधर दुर्गापुरा स्थित दुर्गा माता मंदिर में सुबह घट स्थापना के साथ ही माता के दर्शन खुले।
महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ ही अखण्ड ज्योति प्रज्वलित कर घट स्थापना की गई। भक्त माता के दर्शनों के लिए पहुंचे। मंदिर के महंत भट्टाचार्य ने बताया कि नवरात्र में पहले दिन शैलपुत्री के रूप में माता की पूजा की गई। नौ दिनों तक ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कूष्माण्डेति स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी व सिद्धिदात्री नवदुर्गा के रूप में पूजा की जाएगी।
नौ दिनों तक सप्तशती के पाठ होंगे। इसके अलावा राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित वैष्णों माता मंदिर सहित ब्रह्मपुरी स्थित काली माता मंदिर, सूरजपोल बाजार स्थित रुद्रघंटेश्वरी माता, आमागढ़ स्थित अंबा माता, झालाना स्थित वैष्णोदेवी मंदिर, काली माता मंदिर, आमेर स्थित मनसा माता मंदिर, माता मावलियान, दिल्ली रोड स्थित राजराजेश्वरी मंदिर में भी घट स्थापना के साथ माता की आराधना शुरू हुई।
मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और रामायण के पाठ के साथ अखंड ज्योत भी जलाई गई। श्री खोले के हनुमान मंदिर में शारदीय नवरात्रा घट स्थापना के साथ ही अखण्ड वाल्मिकी रामायण पाठ तथा नौ दिवसीय नवाह्न पारायण के पाठ प्रारंभ हुए।