जयपुर। राजस्थान के प्रमुख मंदिरों की पवित्रा बनाए रखने के लिए अब छोटे कपड़े और मोबाइल फोन रोक लगा दी गई । इसे पूर्व जयपुर के झारखण्ड महादेव जी मंदिर में मंदिर समिति ने मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए छोटे कपड़ो और मोबाइल फोन मंदिर में ले जाने पर प्रवेश वर्जित कर दिया था। हाल ही में कुछ दिन पहले पुष्कर में आए प्रसिद्व कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने पर चर्चा की थी। वहीं मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की बात को लेकर मंदिर परिसर में चेजिंग रुम की भी व्यवस्था की जा रही है।
एकलिंगजी मंदिर उदयपुर
उदयपुर से करीब 22 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी गांव में एकलिंग जी मंदिर है। जिसमें छोटे कपड़ो और मोबाइल फोन मंदिर परिसर में ले जाने पर पूर्णता रोक लगा दी गई है। मंदिर ड्रेस कोड में भक्तों को छोटे कपड़े मिनी स्कर्ट,बरमूडा,नाइट सूट पहनकर आने पर प्रवेश वर्जित किया गया है।
जयपुर का झारखण्ड महादेव मंदिर
क्वींस रोड पर स्थित झारखंड महोदव मंदिर एक वर्ष पूर्व ही मंदिर प्रशासन की ओर से छोटे कपड़ो और मोबाइल पर रोक लगाने का बोर्ड लगाया गया था। इस पर लिखा है कि सभी महिला और पुरुष श्रद्धालु मर्यादित वस्त्र पहन कर ही मंदिर में आएं। साथ ही यह भी लिखा है कि छोटे वस्त्र जैसे हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, कटे-फटे जींस और फ्रॉक आदि पहनकर आने वाले मंदिर के बाहर से ही दर्शन का लाभ प्राप्त करें। झारखंड महादेव मंदिर समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी का कहना है कि फिलहाल हम श्रद्धालुओं से सिर्फ आग्रह ही कर रहे हैं।
आगामी दिनों में मंदिर के प्रवेश के लिए पारम्परिक ड्रेस कोड तय किया जाएगा। सोमानी के मुताबिक कई भक्तों का कहना है कि मंदिर का एक ड्रेस कोड होना चाहिए। भक्तों की भावना को ध्यान में रखते हुए ड्रेस कोड पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर के श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं तो पारम्परिक ड्रेस ही होनी चाहिए। शॉर्ट ड्रेस और कटी फटी जीन्स हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है। इसी तर्ज पर जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में भी छोटे कपड़े और मोबाइल फोन इस्तेमाल को लेकर नोटिस बोर्ड लगाया गया था। लेकिन श्रद्धालुओं ने इस बोर्ड को दरकिनार कर दिया था। लेकिन इस अन्य मंदिरों की तरह यहां भी मंदिर ड्रेस कोड लागू किया जाएगा।
चार सौ साल पुराने जगदीश मंदिर में भी छोटे कपड़ो पर लगी रोक
उदयपुर में स्थित 4 सौ साल पुराने जगदीश मंदिर परिसर के बाहर पोस्टर चस्पा कार्रवाई की गई है। जिसमें लिखा है मंदिर परिसर में शॉर्ट टी शर्ट,शॉर्ट जींस, बरमूडा, मिनी स्कर्ट,नाइट सूट जैसे कपड़े पहन कर मंदिर परिसर में आना वर्जित किया है। उदयपुर के धर्मोत्सव समिति के अध्यक्ष व जगन्नाथ रथयात्रा समिति के संयोजक दिनेश मकवाना ने बताया कि मंदिर परिसर में आने वाले पर्यटक अधिकाश छोटे कपड़े व शराब पीकर मंदिर परिसर में प्रवेश करते है। इसके बाद स्थानीय लोगों ने भी इसकी कई बार शिकायत की ।
स्थानीय लोगों ने अपील की छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में आने वालों का प्रवेश वर्जित किया जाए। जिसके बाद मंदिर परिसर में छोटे कपड़े और मोबाइल फोन पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया । वहीं दूसरी ओर मंदिर प्रशासन मंदिर परिसर में ही चेचिंग रुम बनाने की बात कर रहे है। ताकी मंदिर में आने वाले पर्यटकों को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े । मंदिर ड्रेस कोड में पुरुषों के लिए कर्ता पाजमा और महिलाएं व युवतियों के लिए फुल स्लीवज के कपड़ो का प्रावधान लागू होने वाला है।
सालासर धाम
चुरु में स्थित प्रसिद्ध सालासर धाम मंदिर परिसर के बाहर भी पोस्टर चस्पा कार्रवाई की गई है। जिसमें छोटे कपड़ो और मोबाइल फोन मंदिर परिसर के अंदर ले जाने वर्जित लिखा हुआ है। वहीं इस मामले में श्री हनुमान सेवा समिति के अध्यक्ष यशोदानंदन ने बताया कि मंदिर आस्था का केंद्र है। लेकिन कई लोग फैंशन के नाम पर फटी जींस,मिनी स्कर्ट और छोटे कपड़े और मोबाइल फोन लेकर आते है जिससे मंदिर में मौजूद अन्य श्रद्धालुओं का ध्यान भटकता है। श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए गरिमामय कपड़े पहक कर आए तो अच्छा लगाता है।
चारभुजा नाथ मंदिर भीलवाड़ा
भीलवाड़ा में स्थित कोटड़ी में चारभुजानाथ मंदिर परिसर में करीब तीन महीने पहले छोटे कपड़ो व मोबाइल फोन मंदिर मे ले नहीं ले जाने पर रोक का पोस्टर लगाया गया था। जिसमें मंदिर प्रवेश के समय सभ्य कपड़े पहने की बात लिखी हुई थी। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष सुदर्शन गाड़ोदिया ने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए चेजिंग रुम बनाने पर विचार किया जा रहा है। जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
श्री पावापुरी तीर्थ जैन मंदिर
सिरोही जिले के कृणगंज में स्थित जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल श्री पावापुरी जैन मंदिर में काफी पहले से ही छोटे कपड़ों से मंदिर में प्रवेश करने पर रोक लगी हुई है। बताया जाता है कि इस प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पर प्रतिदिन करीब 2 हजार से अधिक भक्त दर्शन करने के लिए आते है। लेकिन इस मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को रोक लिया जाता है। मंदिर के मैनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए चेजिंग रुम बनाए हुए है। छोटे कपड़े पहनकर आने वाली महिलाएं या पुरुष को मंदिर प्रशासन की ओर से पारम्परिक पोशाक दी जाती है। जिसे पहनकर भक्तगण मंदिर में प्रवेश कर सकते है।
पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर
पुष्कर में स्थित ब्रह्मा मंदिर में भी मंदिर ड्रेस कोड को लेकर बोर्ड और बैनर लगाए गए थे। हैं। पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ट ने बताया कि यहां अधिकाश विदेशी सैलानियों का जमावड़ा रहता है। हैं। जो छोटे कपड़ों से मंदिर में प्रवेश करते है। जिन्हे देखकर अन्य श्रद्धालुओं का ध्यान भटकता है। मंदिर प्रशासन ने कई बार मंदिर परिसर में सभ्य कपड़े पहनकर आने की अपील भी की थी। लोगो ने इस बातो का दरकिनार कर दिया। जिसके बाद बोर्ड और बैनर लगाने की कार्रवाई की गई।
दिलवाड़ा जैन मंदिर
सिरोही जिले के माउंट आबू में स्थित दिलवाड़ा जैन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। जिसमें हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए आते है। इस मंदिर में काफी पहले से ही छोटे कपडे़ पहकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश नही दिया जाता है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष पंकज गांधी ने बताया कि अगर कोई छोटे कपड़े पहकर मंदिर में प्रवेश करता है तो सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसे बाहर निकाल लिया जाता है और मंदिर समिति की ओर पारंपरिक पोशाक दी जाती है।
इंदौर का अम्बे माता मंदिर
इंदौर के अम्बे माता मंदिर में भी मंदिर ड्रेस कोड पहले से ही लागू हो चुका है। कई बार श्रद्धालुओं को छोटे कपड़ो के कारण दर्शन की लाइन से निकाल दिया गया। जिसके बाद से भक्तगण सभ्य कपड़ो में मंदिर आने लगे है। मंदिर समिति के राजेश ने बताया कि मंदिर ड्रेस कोड लागू होने की बात सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। जिसके कारण भी श्रद्धालुओं के पहनावे में काफी फर्क आया है।