जयपुर। श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा देश-विदेश के श्री श्याम मंडलों से किए गए आह्वान एक मंडल एक निशान की परंपरा का असर दिखने लगा है। श्री श्याम परिवार इंदौर (मध्यप्रदेश) के बन्ने सिंह ठाकुर, अमित पारीक एवं गोविन्द शर्मा अपने सभी भक्तों के साथ एक जुलाई को श्री श्याम विश्वास यात्रा के रूप में इंदौर से रवाना होकर सोमवार को खाटू पहुंचे। पूरे मंडल के सभी 35 श्याम भक्त एक ही निशान के नीचे खाटू पहुंचे और निशान बाबा को अर्पित किया।
श्याम भक्तों के इस दल ने पहले सालासर धाम में जय पुजारी के सान्निध्य में एक निशान हनुमानजी महाराज को चढ़ाया। वृन्ंदावन धाम धर्मशाला में हुए कीर्तन में श्री श्याम मंदिर के मंत्री श्याम सिंह चौहान, सालासर धाम से जय पुजारी और जयपुर से गए अनेक श्याम भक्तों ने एक मंडल एक निशान की परंपरा शुरू करने को बहुत बढिय़ा कदम बताते हुए स्वागत किया।
श्याम प्रभु के अनन्य भक्त विमल सोनी ने बताया कि खाटू में प्रतिदिन हजारों की संख्या में निशान आते हैं। एकादशी में यह संख्या कई गुणा अधिक हो जाती है। फाल्गुन मेले में तो निशान की संख्या का अंदाज भी नहीं लगाया जा सकता। लोग जाने-अनजाने में निशान से जुड़ी धार्मिक परंपरा का निर्वाह नहीं कर पाते। एक मंडल के सौ लोग है तो सभी निशान लेकर चल देते हैं।
रींगस में दुकानों पर बिकने वाले झंडों को निशान मानकर पदयात्रा करते हैं। जबकि निशान की विधिवत पूजा-अर्चना होती है। सालों पहले तक एक मंडल का एक ही निशान होता था जो कि उस मंडल की पहचान भी होता था। लेकिन अब देखादेखी होड़ मच गई है। निशान का अपमान होने लगा है। अत्यधिक निशान होने के कारण मंदिर कमेटी द्वारा निशान का विधि विधान से निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसे में पदयात्री अज्ञानवश पाप के भागीदारी बन रहे है।
जिस प्रकार चिकित्सक द्वारा मरीज को दिए गए निर्देशानुसार उपचार नहीं लेने पर मरीज के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पडता है उसी प्रकार निशान को अर्पित करने के नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उसका दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है।