जयपुर। टोंक रोड ,बीलवा मानपुर नांगल्या स्थित श्रीराधा सरल बिहारी मंदिर में श्रीमद भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें शुभारम्भ के दौरान 108 महिलाओं कलश यात्रा में शामिल हुई। कलश यात्रा के दौरान आसपास का क्षेत्र भक्ति और आस्था के रंग में डूब गया।
कार्यक्रम आयोजन सरला गुप्ता व रजनीश गुप्ता ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ शनिवार को भव्य लवाजमे के साथ किया गया। जिसमें 108 महिलाएं कलश यात्रा में शामिल हुई। इस कलश यात्रा में 108 महिलाएं एक ही परिधान में सिर पर कलश लेकर चल रही थी।
इस दौरान शोभायात्रा में श्रद्धालु भजनों की मधुर स्वर लहरियों पर नाचते गाते हुए चल रहे थे। जिन-जिन मार्गों से यह कलश यात्रा गुजरी,वे सभी मार्ग भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर नजर आए। यह कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई कथा स्थल मानपुर नांगल्या स्थित श्रीराधासरल बिहारी मंदिर पहुंची,जहां पर भागवत कथा का शुभारंभ करते हुए आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का प्रत्येक प्रसंग हमें मानवता की शिक्षा प्रदान करता है। हमारा जीवन किस मार्ग से चले कि उसे लक्ष्य की प्रप्ति हो।
आगे बताते हुए आचार्य जी ने कहा कि श्री मद भागवत कथा मानव को मानवता ही नहीं बल्कि मानवता के साथ – साथ वैष्णवता और भगवत्ता की शिक्षा देकर इनका पात्र भी बनाती है जीव को। महापुराण का प्रारम्भ करते हुए उन्होंने बताया कि माहात्य के प्रारम्भ में ही श्री सूत महाराज ने श्री शुकदेव जी की वन्दना करते हुए लिखा है कि श्री शुकदेव जी ने जन्म लेते ही घर से वन की राह पकड़ ली और वन में जाकर भगवान की आराधना में लीन हो गए, ऐसी आराधना भगवान की किया की भागवत और भगवान दोनों प्राप्त हो गए।
उन्होंने आगे कहा कि कथा क्रम में 88 हजार शौनकादि ऋषियों ने सूत जी से यही प्रार्थना किया कि आप हमें ऐसी कथा सुनाओं कि मानव के हृदय के अन्धकार को दूर करने में वह करोड़ों सूर्य के समान हो तो सूत जी ने कहा कि इतनों करोड़ों सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता क्यों,शौनकादि ऋषियों ने कहा कि हे सूत जी महाराज मानव के हृदय में इतना अन्धकार है कि दुनिया में कहीं भी नहीं है। इस अन्धकार को दूर करने के लिये प्रकाश की आवश्यकता है कि जिसका तेज करोड़ों सूर्य के समान हो, तो सूत जी ने कहा कि हे शौनकादि ऋषि आपका प्रश्न संसार के कल्याण के लिये है । ऋषियों आपको ऐसी कथा सुनाऊंगा जिससे कि संसार से निवृत्ति और परमात्मा में प्रवृत्ति होगी, और परमात्मा में प्रवृत्ति ही मानव जीवन का लक्ष्य है ।
कल होगे ये कार्यक्रम
आयोजक सरला गुप्ता व रजनीश गुप्ता ने बताया कि महोत्सव के तहत आगे श्रीशुकदेव चरित्र,तुलसी स्तुति,भीष्म स्तुति व परीक्षित चरित्र व 11को श्रीवराह अवतार,श्रीकपिलोख्यान,श्रीशिवपार्वती चरित्र और ऋषभदेव अवतार की कथा सुनाएंगे। उन्होंने बताया कि ज्ञानयज्ञ के तहत 12 दिसम्बर को श्रीप्रहलाद चरित्र,समुद्र मंथन लीला,श्रीराम जन्मोत्सव के बाद भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि महोत्सव के तहत 13को श्रीकृष्ण बाल लीला,माखनचोरी लीला व गोवर्धन लीला व 15 को श्रीमहारास लीला,गोपी गीत व द्वारिका लीला की कथा सुनाएंगे। उन्होंने महोत्सव के अंतिम दिन 15 को श्रीनवयोगेश्वर संवाद, द्वादश स्कंध के बाद कथा की पूर्णाहुति होगी। 15 दिसम्बर तक कथा रोजाना दोपहर 2बजे से साम 6बजे तक होगी।
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