जयपुर। सुभाष चौक दरीबा पान स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में बुधवार को श्री शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में भगवान श्री शुकदेव जी महाराज का जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। मोगरे के कलियों और इत्र से महकते श्री सरस निकुंज में देर शाम तक बधाई के पदों की ऐसी सरिता प्रवाहित हुई कि उपस्थित श्रोता भाव विभोर होकर डुबकी लगाते रहे। संगीत के सुरों से सजे श्री सरस निकुंज में गिरधारी, रौनक गुप्ता, राजीव शर्मा, विपुल माथुर, बांके बिहारी माथुर ने थारे श्याम वरण पर वारी शुकमुनि दासी छूं मैं थारी…, प्रकट हुआ है परम मनोहर जगत का जीवन यह व्यास लाला…,आज भलो दिन धन्य घरी प्रकट हुए शुकदेव हरि…जैसे पदों का गायन कर माहौल को भक्तिमय बना दिया।
तबले पर उदयशंकर और नगाड़े पर गोपाल राव ने संगत की।रात्रिवेला में विनय के पदों में विशेष रूप से क्या मनोहर मूरति मुनिराज की मन की हरण…, विनति मेरी सुनो तुम श्रीमान शुक मुनिश्वर…का गायन किया गया।श्री सरस निकुंज के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि इससे पूर्व सुबह ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार का पंचामृत अभिषेक कर श्रृंगार झांकी सजाई गई। रंग-बिरंगे ऋतु पुष्पोंं से मनोहर फूल बंगला झांकी सजाई गई। आरती के बाद दोपहर 12 से शाम छह बजे तक बधाई उत्सव हुआ। सरस भक्ति गीतों पर श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर नृत्य किया।
बधाई गीतों पर फल, खिलौने, टॉफी, बिस्किट सहित अन्य सामग्री की उछाल की गई। इस मौके पर सरस परिकर को फूलों और बांदरवाल से सजाया गया। भगवान शुकदेव मुनि महाराज के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में 30 अप्रेल से सात मई तक श्री सरस निकुंज में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। इसमें छोटीकाशी जयपुर के अलावा वृंदावन के संतों ने भी सान्निध्य प्रदान किया।