जयपुर। श्री श्याम प्राचीन मंदिर कावटियो का खुर्रा रामगंज बाजार में मंदिर महन्त प. लोकेश मिश्रा के सानिध्य में” एकादशी अरदास कीर्तन” मे श्री श्याम कारे कारे नैन दुलारे भजनामृत ग्रुप द्वारा भजनामृत रस गंगा बहाई । कार्यकम संयोजक अनिल मोदी और अजय खंडेलवाल ने बताया कि बाबा श्याम की अखंड ज्योत प्रज्वलित कर गणेश वंदना के साथ भजन संध्या का शुभारंभ हुआ । श्याम बाबा को झूले में विराजमान कराकर मनमोहक श्रृंगार झांकी सजाई । ग्रीष्म ऋतु व्यंजनों का भोग लगाया गया।
भजन संध्या में बाबा श्याम का झूला विशेष सुगंधित फूल मोगरे इत्र से महक रहा था।श्री श्याम कारे कारे नैन दुलारे भजनामृत ग्रुप के संस्थापक अमित खंडेलवाल ने बताया श्री श्याम प्राचीन मंदिर में जयपुर और जयपुर से बाहर के भजन गायको ने बारी बारी से अपनी हाजरी लगाई । मुंबई – राहुल देव बसवाल ,बूढ़ी – चंचल भाटी,दोसा प्रिंस खंडेलवाल,अजमेर – श्री कांत जागिड़ और जयपुर से राहुल खंडेलवाल,रोहित कुमावत,आदित्य छिपा, कृष्णा महेश्वरी,कुमार आशीष,लक्ष्मी सैनी,मनीष जोशी सभी गायको ने अपनी अपनी हाजरी लगाई।
1 – गिरधर मेरे मौसम आया धरती के श्रगार का डाल डाल पर पड़ गए झुले बरसे रग बहार के …..
2 – सारी दुनिया रही छ : बुलाए मेघा बरसो क्यो ना जी …..एकादशी अरदास कीर्तन के सभी गणमान्य सदस्य उपस्थित रहे । इस अवसर पर पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक सुगंधित फूलों से सजाया ।एकादशी अरदास कीर्तन के सभी सदस्य बीच बीच में पुष्प और इत्र वर्षा कर दुप्पटा पहनाकर सभी का सुवागत कर रहे थे।
एकादशी झूला महोत्सव पर बाबा को लगाया घेवर का भोग
म्हारे घरा पधारो श्याम संस्था अग्रवाल फार्म मानसरोवर सेक्टर 113 श्याम पार्क में सावन झूला महोत्सव मनाया गया संस्था के अध्यक्ष रतन कट्टा ने बताया महोत्सव मे बाबा श्याम का विशेष फूल बंगले का श्रंगार कर छप्पन भोग की झांकी सजा कर बाबा को घेवर का भोग लगाया महामंडलेश्वर मनोहर दास महाराज बालमुकुंद आचार्य महाराज के सानिध्य में झूला महोत्सव मनाया गया ।
भजन संध्या का शुभारंभ खाटू धाम से पधारे पुरुषोत्तम महाराज ने बाबा श्याम की आरती के साथ किया बाबा की अखंड ज्योत प्रज्वलित कर गणेश वंदना के साथ भजन गायक गोपाल सेन संतोष व्यास राज राठौड़ आदित्य छिपा शुभम शर्मा के द्वारा बाबा श्याम का गुणगान किया रिंगस से पधारे राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित संतोष व्यास ने बाबा श्याम की एक से एक रचना सुनाकर भक्ति रस बरसाया । भजन संध्या में इत्र वर्षा पुष्प वर्षा होती रही इस मौके पर संतो के आशीर्वचन हुए संस्था द्वारा संत महंतों का सम्मान किया गया।