जयपुर। सावन के अंतिम सोमवार को सेंट्रल जेल में रक्षा बंधन का पर्व मनाया गया। इस पर्व पर नम आंखों से बहनों ने अपने भाईयों को जेल पहुंच कर रक्षा सूत्र बांधे और दुबारा अपराध कि दूनिया में कदम नहीं रखने का वचन लिया। सोमवार सुबह 10 बजे से ही जयपुर केंद्रिय कारागाह में बहनों की भीड़ जमा हो गई और लंबी कतार में कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद बहनों ने अपराधी भाईयों की कलाई पर राखी बांधी।
जेल प्रशासन ने कर रखी थी पुख्या तैयारी
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहनों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन ने पहले से ही पुख्ता तैयारी कर रखी थी। जिसे सोमवार को अंतिम रुप दिया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच जेल प्रशासन ने बहनों की भाईयों से मुलाकात करवाते हुए उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बंधवाऐं।
एक किलों मिठाई तक की मिली इजाजत
जेल अधीक्षक राकेश मोहन ने बताया कि रक्षा बंधन के पावन पर्व पर जेल प्रशासन ने जेल में केवल एक किलों मिठाई ले जाने की इजाजत दी। इसके अलावा जेल में स्थित केंटीन में बंदी के खाते पैसे जमा करवा करवाने पर उन्हे वहां से मिठाई के डिब्बे दिए गए। रक्षा बंधन पर करीब 1 हजार से अधिक महिलाओं व युवतियों ने अपने कैदी भाईयों से मुलाकात कर उन्हे रक्षा सूत्र बांधे।
नम आंखो से बांधी राखी
जेल में राखी बांधने पहुंची बहनों ने सलाखों के बीच में हाथ निकलवा कर जैसे ही अपने –अपने भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधे तो वैसे ही बहनों की आंखों से आसू निकल पड़े और नम आखों से उन्होने अपने कैदी भाईयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए दूबारा अपराध की दूनिया में कदम नहीं रखने का वचन लिया।
कड़ी सुरक्षा के बीच हुई एट्री
जेल अधीक्षक राकेश मोहन ने बताया कि जेल में मुलाकात करने आई महिलाए अपने साथ राखी,नारियल, मिठाई लेकर पहुंची । जेल प्रशासन ने पुख्ता जांच करने के बाद उन्हे जेल में बंदी भाईयों से मुलाकात करवाई।
एक हजार किलों से अधिक पहुंची मिठाई
इस बार रक्षा बंधन पर जेल में एक हजार से अधिक बहनों ने अपने –अपने भाईयों से मुलाकात की । त्यौहार पर जेल प्रशासन ने एक किलों मिठाई जेल में ले जाने की इजाजत दी। इसके अनुसार इस पर रक्षा बंधन के दिन जेल में एक हजार किलों से अधिक मिठाई पहुंची। वहीं केंटिन के खाते में भी काफी रेव्यनू एकत्रित हुआ।