September 8, 2024, 7:04 am
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छह दिवसीय श्री रामजानकी विवाह महोत्सव संपन्न

जयपुर। मंदिर श्री सीताराम जी छोटी चौपड़ पर मंदिर महंत श्री नंदकिशोर जी महाराज के  सानिध्य में छह दिवसीय श्री रामजानकी विवाह महोत्सव संपन्न हुआ। 13 दिसंबर  से 18 दिसंबर 2023 तक विवाह महोत्सव में नगर दिखावा, पुष्प वाटिका, तिलक, मटकोर और मेहंदी उत्सव मंदिर प्रांगण में मनाया गया। 17 दिसम्बर को विवाह पंचमी को श्री सीताराम जी महाराज का विवाह उत्सव बड़ी धूम से मनाया गया। विवाह महोत्सव के तहत आज प्रभु श्री राम की बारात मंदिर प्रांगण में ही निकाली गईं , पूरे मंदिर प्रांगण को बंदरवाल व फूलों से सजाया गया

मंहत श्री नंदकिशोर महाराज के द्वारा प्रभु श्री राम का दूल्हा स्वरूप विशेष श्रृंगार और विशेष आरती की गई। आरती के पश्चात अयोध्या से शाही रथ पर सवार होके प्रभु श्री राम दूल्हा सरकार के रूप में निकलते हैं तो पुष्प वर्षा और भव्य आतिशबाजी के साथ भगवान की बारात का स्वागत होता है ,रथ के आगे भक्तगण नाचते गाते  हुए आगे आगे चलते हैं
’रघुनंदन बना जी की आई है  बारात ,देखो सज धज के’ जगह-जगह प्रभु के  दूल्हा स्वरूप की आरतियां होती है
और जैसे ही बारात मिथिलापुरी पहुंचती है दूल्हा सरकार मिथिलापुर की साखियां नेक चार करती है और  , प्रभु श्री राम के तोरण मारते ही ढोल नगाड़े, करताल और शंखनाद की  ध्वनि से प्रभु राम का स्वागत किया जाता है, प्रभु श्री राम और माता जानकी के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो जाता है प्रभु के स्वरूप को देख करके सखियां गाती है।
’अवध बना श्री राम थाने नैना माही राखा जी।
श्री राम विवाह महोत्सव की परंपरा लगभग ढाई सौ वर्षाे से चलती हुई आ रही है।श्री राम जानकी विवाह मंगल महोत्सव के अंतर्गत सोमवार 18/12/2023 को मंदिर श्री सीताराम जी छोटी चौपड़ जयपुर पर कंवर कलेवा उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया,,   मंहत श्री नन्द किशोर जी महाराज के द्वारा श्री सीतारामजी का बहुत ही मनमोहक और आकर्षक श्रंगार किया गया
 भगवान श्री राम जी ने ससुराल में मिजमानी जिमी ,जहां सखियों ने बड़े प्रेम भाव से भांति भांति के व्यंजनों से प्रभु श्री राम  और माता जानकी को भोग लगाया
 और समाज के रसिक प्रेमियों के द्वारा ठाकुर जी को जिमाते हुऐ पद गायन किया गया ’जीमो जीमो जी  रंगीला रघुराज सासरे मिजामनी’ ,,,,,
 जुगल जोड़ी को जीमते देख भक्तों ने पद गाया
’प्रिया प्रियतमा हसी हसी जीम रहे, रति  मत कोटि के लाज रहे’
ठाकुर जी को जिमाते हुए मिथिला की सखियों ने ठाकुर जी को मीठी-मीठी गारिया भी सुनाइ ’सियावर जीमे ससुरारी, गावे गारी जनकपुर की नारी’
 मंदिर में अनेक संत महंत उपस्थित हुए जिनका माला और दुपट्टा पहन करके उनको सम्मानित किया गया ,मंदिर में आए हुए भक्तों को पहरावानी दी गई,,, और उसके पश्चात सभी भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की उसके बाद विदाई महोत्सव के तहत शुभाशीष देते हुए ’चिरंजीव रहो जुगल जोड़ी’ पद का गायन हुआ और इसके बाद ठाकुर जी ने जनकपुर धाम से विदाई लेते हुए अयोध्या धाम की और प्रस्थान किया।  मंहत नन्द किशोर जी ने बताया की समस्त प्रसंग मन्दिर प्रांगण में ही संपन्न हुए।

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