जयपुर। सोसाइटी आफ ब्राह्मण एग्जिक्यूटिवस् राजस्थान (सोबर) की नई कार्य कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण एवं स्रेह मिलन समारोह सभागार पारीक कालेज जयपुर में रविवार को आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि धनश्याम जी तिवाड़ी सांसद राज्यसभा, अध्यक्षता मंजू जी शर्मा सांसद लोकसभा जयपुर, विशिष्ट अतिथि गोपाल शर्मा विधायक सिविल लाइन जयपुर एवं अत्तिथियों में ब्राह्मणों के अग्रणी 23 संगठनों के अध्यक्ष, मुखियाओं ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि, कार्यक्रम की अध्यक्षा, और विशिष्ट अतिथि का सोबर के अध्यक्ष डा शिव गौतम,वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी एल शर्मा, (आईपीएस रिडायर्ड) एवं महासचिव ई आर सी शर्मा ने माल्यार्पण, साफा,शॉल और मोमेंटो से स्वागत किया। ब्राह्मण समाज के विभिन्न संगठनों के अध्यक्षों का सोबर के पदाधिकारियों ने माल्यापर्ण, शाल और मोमेंटो भेट कर सम्मानित किया।
अध्यक्ष डा. शिव गौतम ने सोबर के उद्देश्य किए कार्य और भविष्य की योजनाओ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस शपथ ग्रहण समारोह में ब्राह्मण के उत्थान के बारे में रणनिती तैयार की गई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सोबर के सभी पदाधिकारियों मंच संचालक आर पी शर्मा ने परिचय कराते हुए शपथ के लिए आमंत्रित किया।
मुख्य आतिथि ने सोबर की कार्य कार्यकारिणी में अध्यक्ष डॉ शिव गौतम, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी एल शर्मा पूर्व आइपीएस उपाध्यक्ष हरी शंकर भारद्वाज, पूर्व आरएएस उपाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा, महासचिव ईआरसी शर्मा कोषाध्यक्ष, बालकृष्ण शर्मा, सयुक्त सचिव धर्मेश गौतम संगठन सचिव ई शशि शेखर शर्मा, सहित 30 पदाधिकारी/सदस्यों को शपथ दिलाई। कार्यक्रम का समापन सहभोज के साथ हुआ।
ब्राह्मण समाज की 8 सूत्रीय मांग
सोसाइटी आफ ब्राह्मण एग्जिक्यूटिवस् राजस्थान (सोबर) की नई कार्य कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण एवं स्रेह मिलन समारोह में ब्राह्मण समाज ने आठ सूत्रीय मांग के लिए ज्ञापन तैयार किया। जो सरकार के सुपुर्दे करेंगे।
(1) केंद्र सरकार की नौकरियों व शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए (ईडब्ल्यूएस) की पात्रता में संपत्ति संबंधी अनिवार्यता समाप्त कराने का प्रयास / अनुरोध, प्रधानमंत्री / केंद्र सरकार से किया जाए , जिससे राजस्थान सरकार द्वारा प्रदत्त ईडब्ल्यूएस पात्रता के समान प्रावधान केंद्र सरकार में भी लागू हो सके,
(2) विवाहित महिलाओं की पात्रता में आय/संपति की गणना के लिए पिता की आय भी जोड़ी जाती है, विवाहित महिलाओं के लिए ईडब्ल्यूएस पात्रता में सिर्फ पति की आय/ संपत्ति को आधार माना जाए।
(3) ईडब्ल्यूएस मे पात्रता, – सुविधाएं और छूट ओबीसी संवर्ग की पात्रता, सुविधाएं एवं छूट के समान हो।
(4) मंदिर माफी की जमीनों पर पर जो भूमाफिया और अन्य प्रभाव शाली, लोगों ने कब्जे कर रखे है उन्हें राज्य सरकार, राजस्व प्रशासन सक्रियता के साथ चिन्हित कर, अभियान चलाकर, अतिक्रमण हटाया जाए,
(5) राजस्थान में स्थित सभी मंदिरों के पुजारियों को मानदेय व भोग की राशि प्रदान कराए, राज्य सरकार ने हाल ही में देवस्थान विभाग के अधीनस्थ मंदिरों के लिए ही घोषणा की है। ऐसी घोषणा सभी मंदिरों के लिए हो।
(6) सनातन बोर्ड की स्थापना हो जिसमें समस्त संस्थाओं के प्रतिनिधियों का समावेश हो। (7) पूर्व में स्थापित विप्र कल्याण बोर्ड को और सशक्त बनाकर व्यापक अधिकार प्रदत्त कर सक्रिय किया जाए।
(8) भगवान श्री परशुराम जी की तपोस्थली, जमदग्रि ऋषि आश्रम रुण्डल, में परशुराम पीठ की स्थापना हो।