जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रम की श्रृंखला में आज गीत-ग़ज़ल कार्यक्रम में उभरती ग़ज़ल सिंगर मधु नायर ने अपनी मखमली आवाज़ में सुप्रसिद्ध गीत-गजलों का गुलदस्ता पेश कर मौसिकी से रूबरू कराया।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू बताया कि कलाकार मधु नायर ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत सुप्रसिद्ध शायर नासिर काजमी की गजल ना मिला कर उदास लोगों से हुस्न तेरा बिखर न जाए कहीं तू भी दिल से उतर न जाए से की । इसके बाद उन्होंने शमीम जयपुरी की एक ग़ज़ल बेगुनाही का हर अहसास मिटा दे कोई, मुझको इस दौर में जीने की सजा दे कोई फिर तस्लीम फ़ाज़ली शायर की आपको भूल जाए हम इतने तो बेवफा नहीं आपसे क्या गिला करें, आपसे कुछ गिला नहीं और शायर आगा बिस्मिल की गज़ल महफिल में बार-बार किसी पर नजर गई हमने बचाई लाख मगर फिर उधर गई को जब अपनी पुरकशिश आवाज में इन ग़ज़लों को सुनाया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे।
शायर मसरुर अनवर मुझे तुम नजर से गिरा तो रही हो, मुझे तुम कभी भी भूला ना सकोगे और अंत मे प्याज हाशमी की सुप्रसिद्ध गज़ल आज जाने की जिद ना करो यूं ही पहलू मे बैठ रहो पेश कर अपनी गायिकी का परिचय दिया।
इनके साथ देश के जानेमाने तबला वादक परमेश्वर लाल कत्थक ने अपनी उंगलियों का जादू दिखाकर गज़ल की इस महफिल को परवान चढाया। हारमोनियम पर राजेंद्र जडेजा और गिटार पर सुनील कुमार ने शानदार संगतकर कार्यक्रम को ऊंचाइयां दी ।
कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी तथा कार्यक्रम में इम्पीरियल प्राइम कैपिटल के कला रसिक मनीष अग्रवाल की ओर से कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कैमरा मनोज स्वामी, संगीत संयोजन विनोद सागर गढ़वाल, मंच सज्जा जीवितेश शर्मा व अंकित शर्मा नानू की रही।