जयपुर। छोटीकाशी स्थित महालक्ष्मी मंदिरों में धनतेरस से दीपावली तक विशेष उत्सव मनाया जाएगा। सभी लक्ष्मी मंदिर परिसर रंग बिरंगी रोशनी से जगमग होंगे। फूलों से श्रृंगार किया जाएगा। कुमकुम अर्चना की जाएगी। साथ ही कमल पुष्प से अर्चना की जाएगी। राज-राजेश्वरी स्वरूप में लक्ष्मी जी का श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर में वंदनवार-तोरण लगाए जाएंगे।
हर दिन विशेष रंगोली बनाई जाएगी। सूरजपोल, सांगानेरी गेट सब्जी मंडी, पुरानी बस्ती अन्य मंदिरों में उत्सव को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में। धनतेरस से मंदिरों में विशेष उत्सव मनाए जाएंगे। सांगानेरी गेट के समीप अग्रवाल कॉलेज के सामने स्थित महालक्ष्मी मंदिर में लक्ष्मी जी गज लक्ष्मी के रूप में विराजित है। मां लक्ष्मी यहां दो हाथियों पर सवार है। मंदिर करीब 156 साल पुराना है।
जयपुर के महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय के शासनकाल में सन 1865 में महालक्ष्मी का मंदिर आगरा रोड पर बनाया गया था। इसकी स्थापना सन 1865 में पंच द्रविड़ श्रीमाली ब्राह्मण समाज द्वारा की गई थी। श्रीमाली ब्राह्मणों की कुलदेवी होने से इस प्राचीन महालक्ष्मी मंदिर में सेवा पूजा भी इसी समाज के ब्राह्मण करते हैं। दीपावली पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि मनोकामना पूरी होती है। अविवाहित लड़कियों के मां लक्ष्मी के पूजन से शादी भी जल्दी होती है।
अन्य मंदिरों में भी होंगे आयोजन:
महालक्ष्मी के छोटीकाशी स्थित मंदिर में धनतेरस से दीपावली तक विशेष उत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। वंदनवार, फूलों की तोरण मंदिर में लगाई जाएगी। साथ ही कुमकुम अर्चना होगी और देवी का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। धनतेरस और दीपावली पर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा स्वर्ण श्रृंगार होगा।
धनतेरस पर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। रूप चतुर्दशी पर फूलों से सजाया जाएगा। 31 अक्टूबर को सुबह 5 बजे से अभिषेक, 7 बजे महाआरती। शाम को राज- राजेश्वरी स्वरूप में देवी का श्रृंगार होगा। स्वर्ण श्रृंगार किया जाएगा।