जयपुर। छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते मंगलवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी में विभिन्न छात्र संगठनों ने तारीख का ऐलान करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और यूनिवर्सिटी कैंपस में सरकार का पुतला फूंका। वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्र जब यूनिवर्सिटी से बाहर आने लगे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए सड़क पर बैठे छात्रों को घसीटा। इतना ही नहीं जब छात्रों ने विरोध किया तो पुलिसकर्मियों ने पन्द्रह से ज्यादा छात्रों को जबरदस्ती उठाकर हिरासत में ले लिया। यहां तक कि छात्रों ने अपना मुंह काला करके दंडवत विरोध प्रदर्शन भी किया।
इस प्रदर्शन में एनएसयूआई, एसएफआई, आरएलपी, निर्दलीय समेत विभिन्न छात्र संगठनों के छात्र शामिल रहे। वहीं जानकारी में सामने आया है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदर्शन से दूरी बनाकर रखी।
जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर यूनिवर्सिटी के गेट पर छात्रों ने धरने की शुरुआत की। जहां करीब एक घंटा धरना देने के बाद छात्रों ने सरकार का पुतला फूंका। इसके बाद दोपहर बाद छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गेट से बाहर आने की कोशिश कर गेट के पास टायर में आग लगा दी। जहां मौजूद पुलिस जाब्ते ने छात्र महेश चौधरी, मोहित यादव, राहुल महला समेत पन्द्रह से ज्यादा छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया। पन्द्रह से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लेने के बाद कुछ छात्रों ने यूनिवर्सिटी में चेहरा काला कर प्रदर्शन किया। इन्हें भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
यूनिवर्सिटी कैंपस में बड़ी संख्या में पुलिस का जाब्ता तैनात है। इसके अलावा प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रैली निकाल कर अलग-अलग ब्लॉक बंद कर दिए। छात्र नेता सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि वह गांधीवादी तरीके से अपना मुंह काला करके यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे। वह चाहते हैं कि पुलिस हमारे साथियों को रिहा कर दे। लेकिन पुलिस ने बेवजह हमें ही पकड़ लिया है। जो सरासर गलत है। हम चुप रहने वाले नहीं हैं। जब तक सरकार छात्रसंघ चुनाव की घोषणा नहीं करेगी।
हमारा विरोध जारी रहेगा। इधर छात्र नेता महेश चौधरी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने अगर समय रहते चुनाव का ऐलान नहीं किया तो आने वाले विधानसभा उपचुनाव में भी उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। एनएसयूआई छात्र नेता शिवराज पचेरवाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव आम छात्रों की आवाज है। हम किसी भी सूरत में सरकार की इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जब तक सरकार चुनाव की घोषणा नहीं करेगी। हमारा विरोध जारी रहेगा।
गौरतलब है कि राजस्थान की तत्कालीन गहलोत सरकार ने पिछले साल छात्रसंघ चुनाव स्थगित करने का फैसला किया था। इसके बाद प्रदेश भर में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन चल रहा है।