जयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने कार्रवाई करते हुए उप-निरीक्षक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2021 में डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास हुए आरोपित दीपक कुमार मीणा को फरारी के दौरान शरण देने तथा पैसा उपलब्ध करवाने वाले दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस और एसओजी ने बताया कि एसओजी ने कार्रवाई करते हुए उप-निरीक्षक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2021 में डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास हुए आरोपित दीपक कुमार मीणा को फरारी के दौरान शरण देने तथा पैसा उपलब्ध करवाने वाले सहयोगी कुलदीप मीणा निवासी जगतपुरा रामनगरिया जयपुर और सतीश चंद्र मीणा निवासी बगराना जयपुर हाल स्वास्थ्य निरीक्षक रेल्वे विभाग जयपुर मंडल मीणा को गिरफ्तार किया गया है।
एसओजी एडीजी ने बताया कि आरोपित दीपक कुमार मीणा का न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट भी जारी करवाया हुआ था तथा जिस पर दस हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था। आरोपित दीपक कुमार मीणा द्वारा उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा, पटवारी भर्ती परीक्षा-2021 व एलडीसी भर्ती परीक्षा-2018 में मूल अभ्यर्थी के स्थान पर डमी अभ्यर्थी को बैठाकर अभ्यर्थी पास करवाये थे।
आरोपित दीपक कुमार मीणा उप-निरीक्षक पुलिस भर्ती परीक्षा में स्वयं के स्थान पर डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास की थी। आरोपित दीपक कुमार मीणा तथा उक्त गैंग का सरगना उसका भाई मनीष कुमार मीणा,दिनेश कुमार मीणा तथा मामा महेश कुमार मीणा व मित्र रोशन लाल मीणा के साथ तीन भर्ती परीक्षाओं में छह अभ्यर्थियों के स्थान पर डमी अभ्यर्थी बैठाकर परीक्षा पास करके चयनित हुये थे।
सभी परीक्षाओं में रोशन लाल मीणा डमी अभ्यर्थी के रूप में बैठा था। जो पूर्व में गिरफ्तार हो चुका है। इनामी आरोपित दीपक कुमार मीणा प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था। जिसकी तलाश एसओजी को विभिन्न परीक्षाओं से संबंधित प्रकरणों में थी। उक्त दीपक कुमार मीणा का न्यायालय से वारंट भी जारी है तथा उस पर इनाम भी घोषित है।
इसके बावजूद फरारी के दौरान दीपक कुमार मीणा के दोस्त कुलदीप मीणा ने फरार आरोपित दीपक कुमार मीणा को अपने घर पर शरण दी तथा रुपये देकर मदद की। आरोपित दीपक कुमार को फरारी के दौरान छिपाने में सहयोग किया। जिसको प्रकरण में बाद गिरफ्तार किया गया। आरोपित दीपक कुमार मीणा के रिश्तेदार सतीशचन्द्र मीणा जो रेलवे विभाग में स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत है ने फरारी के दौरान दीपक कुमार मीणा को रुपये देकर फरारी के दौरान छिपाने में मदद की।
21 सितम्बर को दीपक कुमार मीणा ने सतीश चंद्र मीणा से वाट्सएप कॉल करके पांच लाख रुपये और मांगे थे, जिसे हवाला के द्वारा दीपक कुमार मीणा को रुपये पहुंचाने थे। परन्तु उससे पहले ही एसओजी ने आरोपी दीपक कुमार मीणा को पकड लिया।