जयपुर। सूर्य देव 15 दिसंबर की रात को 10 बजकर 19 मिनट पर वृच्छिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही धनु खरमास मलमास शुरु हो जाएगा। इसमें विवाह,गृह प्रवेश,मुंडन आदि मांगलिक कार्यो पर रोक लग जाएगी। धनु खरमास पौष कृष्ण प्रतिपदा पर 14 जनवरी को समाप्त होगा। इसके बाद 15 जनवरी से फिर से मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। जिसके बाद पहला सावा 16 जनवरी का होगा। इसके साथ ही शहनाईयां बजेगी और दान -पुण्य का दौर चलेगा।
साल में दो बार होता खरमास
ज्योषिचार्य राजेंद्र शास्त्री के बताए अनुसार खरमास साल में दो बार आता है। सूर्य पूरे साल में एक -एक बार गुरु ग्रह और मीन राशि में प्रवेश करता है। सूर्य साल में दो बार बृहस्पति की राशियों में एक -एक महीने के लिए रहता है। इससे 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनु और 15 मार्च से 15 अप्रेल तक मीन राशि में रहता है। इसलिए इन 2 महीनों में जब सूर्य और बृहस्पति का संयोग बनता है। इसलिए किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं किए जाते है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य राशि परिवर्तन ऋतुएं बदलती है। खरमास में हेमंत ऋतु रहती है सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही दिन छोटे और रातें बड़ी हो जाती है। इसके साथ ही मौसम में भी बदलाव होने लगता है। ऐसा ही गुरु की राशि में भी सूर्य के प्रवेश करने से मौसम में अचानक से बदलाव होते है। इसी लिए खरमास में बादल छाने,धुंध होना या बारिश और बर्फबारी भी होती है।