जयपुर। सन टू ह्यूमन फाउंडेशन की ओर से अठाईस मई से दो जून तक छह दिवसीय नए दृष्टिकोण वाला शिविर शुरू होने जा रहा है। यह जयपुर में ग्यारहवां शिविर आयोजित होगा। आयोजन समिति के प्रमुख सदस्यों अंबरीष (संजय माहेश्वरी), परमआनंद (अजय मित्तल), कमल सोमानी, नरेंद्र वैद्य, आलोक तिजारिया व राजेश नागपाल ने बताया कि फाउंडेशन गत दस वर्षों में जयपुर वासियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए नए दृष्टिकोण वाले दस शिविर विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित कर चुका है।
शिविर के माध्यम से हजारों जयपुर वासी लाभान्वित हुए हैं। इसी क्रम में यह जयपुर में ग्यारह वां शिविर सन टू ह्यूमन फाउंडेशन के प्रणेता परम आलय के सान्निध्य में अठारह मई से दो जून तक प्रतिदिन प्रात छह बजे से साढे आठ बजे तक सीकर रोड पर स्थित भवानी निकेतन विद्यालय परिसर में आयोजित किया जा रहा है।
स्वस्थ रहने और आनंद बढ़ाने वाले अनूठे प्रयोग
आयोजन से जुड़े संजय माहेश्वरी ने बताया कि सन टू ह्यूमन फाउंडेशन की ओर से देश-विदेश में अब तक ऐसे तीन सौ से अधिक निःशुल्क शिविर आयोजित किए जा चुके हैं। शिविर में लोगों को सही आहार, सही व्यायाम और सही ध्यान के द्वारा सकारात्मक ऊर्जा निर्माण करके स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की विधि सिखाई जाएगी। प्रतिदिन शिविर में ब्रेन विकसित करने के आसान प्रयोग व सूत्र बताए जाएंगे जिससे कि साधक स्वयं को दवा मुक्त रखते हुए स्वस्थ व आनंदमय जीवन जी सकें।
सभी साधकों को ऊर्जावान अल्कलाइन नाश्ता निःशुल्क
साधना सत्र के बाद प्रतिदिन बीस से पच्चीस आइटम का अदृश्य शक्तियों को जगाने वाला पौष्टिक एवं ऊर्जावान अल्कलाइन नाश्ता भी सभी साधकों को निशुल्क कराया जाता है। जयपुर में यह शिविर सर्व समाज एवं सर्वधर्म के लिए आयोजित किया जा रहा है जिससे यहां के नागरिक अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इस स्वास्थ्य शिविर का लाभ प्राप्त कर सकें। पांच साल के बच्चे से लेकर नब्बे साल तक का व्यक्ति शिविर को ज्वाइन कर सकता है। अब तक लगभग अठारह हजार शहर वासियों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। शिविर में प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।
प्रवचन नहीं प्रयोग
इंदौर से आई सहजोबाई ने बताया कि शिविर के प्रथम तीन दिन शिविर के प्रणेता परमालय की प्रमुख शिष्या गार्गी मां साधकों को भौतिक शरीर की शक्तियों को विकसित करने के प्रयोग करवाएंगी। इस शिविर में विभिन्न तरीके के प्रयोग कराए जाएंगे। बाद के तीन दिन सन टू ह्यूमन फाउंडेशन के प्रणेता परमालय मन की शक्तियों को जागृत करने एवं बुद्धि व चेतना को विकसित करने के प्रयोग करवाएंगे। तीस मई से एक जून तक शाम को भी साढ़े छह से आठ बजे तक संध्या कालीन सत्र होगा। जिसमें परमालय साधकों की जिज्ञासाओं का समाधान करेंगे।
शिविर के मीडिया प्रभारी राजेश नागपाल ने बताया कि शिविर के माध्यम से हजारों साधकों की डायबिटीज, अस्थमा, माइग्रेन, मोटापा, बीपी, आर्थराइटिस, थायराइड समेत अनेक बीमारियां ठीक हुई है और उन बीमारियों को साधकों ने स्वयं की समझ बढ़ा कर ठीक किया है।
कई साधकों का पांच से पचास किलो तक कम हुआ वजन
शिविर में सिखाई गई विधियों से जयपुर में अनेक साधकों का वजन पांच किलो से पचास किलो तक कम हुआ हैं। संजय माहेश्वरी, अजय मित्तल, नरेंद्र बैद, कमल सोमानी ने बताया कि यहां बनने वाले भोजन में सफेद नमक, चीनी, मैदा, रिफाइंड तेल, लाल मिर्च, तुअर की दाल, जिमीकंद आदि का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाता। इसके बावजूद भी भोजन अत्यधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है। शिविर में इसकी विधि भी बताई जाती है। साधकों की मांग को देखते हुए रजिस्ट्रेशन की तिथि पच्चीस मई तक बढ़ाई गई है। शिविर के लिए साधक अपने रजिस्ट्रेशन कर एंट्री कार्ड कलेक्ट कर सकते हैं एवं ऑनलाइन भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।