जयपुर। सुहाग का लोकपर्व तीज बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर सुभाष चौक स्थित आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में तीज पर्व धूमधाम से मनाया गया। ठाकुरजी और किशोरी जी को लहरिया धारण कराया गया। वैष्णव भक्तों ने सखी री हिल मिल जुगल झुलाओ…, झोटा दे दे रमक बढ़ाओ श्यामा श्याम रिझावो री…, रसिक संग झूलत राधे रानी…. जैसें पदों के साथ ठाकुरजी को झुलाया गया।
श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सिंजारे पर ठाकुर श्री राधा सरस बिहारी सरकार को 15 फीट लंबे 10 फीट ऊंचे और 8 फीट चौड़े लहरिया झूले में विराजमान किया गया। दोनों तरफ जयपुर शैली की लहरिया बानगी बनाकर फूलों की टाटियां बनाई गई। बुधवार को बड़ी संख्या में लोगों ने तीज पर झांकी के दर्शन किए।
तेरह दिन चलेगा हिंडोला उत्सव
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की हरियाली तीज से कई वैष्णव मंदिरों में हिंडोला उत्सव शुरू हुआ जो रक्षाबंधन और पूर्णिमा तक चलेगा। मंदिरों में कांच, लकड़ी, फूल पत्ते और कपड़ों से तैयार किए अलग-अलग झूलों पर ठाकुरजी को झुलाया गया। श्री राधा वल्लभ संप्रदाय के मंदिरों में झूला उत्सव शुक्ल पक्ष की तीज 19 अगस्त पूर्णिमा तक मनाया जाएगा। श्रीराधा वल्लभजी को हरि घटा में विराजमान किया गया। हिंडोले में भगवान बांके बिहारी श्रीजी ने राधा रानी के साथ झूला झूला। हरियाली तीज पर भगवान का पूरा शृंगार हरियाली की थीम पर किया गया। महिलाओं को सुहाग सामग्री वितरित की गई।
अब पूर्णिमा तक हर दिन ठाकुरजी और प्रियाजू का अलग-अलग शृंगार दर्शन होगा। एकादशी से पवित्रा की माला (सूत की माला) के साथ मचकी, फल, सब्जी का हिंडोला बनेगा। रक्षाबंधन के दिन कांच के झूले में भगवान को विराजित किया जाएगा। मंदिरों में भगवान कृष्ण-राधाजी के लिए मथुरा और वृंदावन से लहरिया, डिजाइनर वस्त्र मंगाए गए हैं।