जयपुर। अक्षय तृतीया पर आराध्य देव गोविंद देवजी सहित अन्य वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की विशेष चंदन सेवा की जाएगी। ठाकुर जी के सभी अंगों पर चंदन का लेप लगाया जाएगा। ठाकुरजी अब जामा-पायजामा के बजाय धोती और दुपट्टा धारण करेंगे। सिर पेच हटाकर कलंगी शृंगार होगा। गर्मी अधिक होने के कारण ठाकुरजी को शीतल व्यंजनों का भोग लगना शुरू होगा। ठंडे इत्रों की सेवा भी शुरू होगी। मिश्री और सत्तू का भोग लगाया जाएगा।
गोविंददेवजी मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी को पीले रंग की धोती और दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। इसके बाद ठाकुर जी को ठंडे व्यंजनों में शरबत, ठंडाई, सत्तू, भीगी हुई चना दाल और पंचमेवा के साथ तरबूज का भोग जाएगा। अब श्रावण मास में झूला झांकी तक ठाकुरजी को धोती और दुपट्टा धारण करवाया जाएगा। वहीं, ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
राधा सरस बिहारी का होगा चंदन श्रृंगार: सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सानिध्य में अक्षय तृतीया महोत्सव मनाया जाएगा। श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी का अभिषेक कर चंदन श्रृंगार किया जाएगा। सूती पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया जाएगा। सत्तू और फलों का भोग लगाया जाएगा।
इन मंदिरों की भी बदलेगी सेवा: चांदनी चौक स्थित मंदिर श्री आनंद कृष्ण बिहारीजी में अक्षय तृतीया पर ठाकुरजी को ठंडाई, शरबत, सत्तु, आमरस, खरबूजा, मतीरा आदि ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। वहीं ठाकुरजी को नटवर रूप की पोशाक धारण करवाई जाएगी। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथ जी चौड़ा रास्ता स्थित मंदिर श्री दामोदर जी में, रामगंज बाजार स्थित लाड़ली जी मंदिर में भी ठाकुरजी के पहनावे और भोग राग में बदलाव होगा। अक्षय तृतीया पर छोटीकाशी के सभी पुष्टिमार्गीय मंदिरों में भी विशेष रूप से ठाकुर जी को चंदन का श्रृंगार से सजाया जाएगा।
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