November 21, 2024, 10:00 pm
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बिगड़ने लगी शहर की सफाई व्यवस्था: नजर आने लगे गली-चौराहों पर कचरे के ढ़ेर

जयपुर। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते शहर की सफाई व्यवस्था डगमगाने लगी है। शहर के गली-चौराहों पर कचरें के ढ़ेर नजर आने लगे है। इससे आमजन की परेशानी बढ़ने लगी है। सफाई कर्मचारियों की ओर से लगातार शहर में अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन और रैलियां निकाली जा रही है।

संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ की ओर से मंगलवार को मालवीय नगर जोन में धर्म सिंह सर्किल से सहाय अस्पताल मार्ग माहेश्वरी पब्लिक स्कूल से राजा पार्क हनुमान ढाबा होते हुए पंचवटी सर्किल से एल.बी.एस कॉलेज के पास सामुदायिक केन्द्र प्रभात फेरी निकाली गई। इसके बाद सभा की गई। आम सभा को सफाई कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी कैलाश किशन लाहोरा, सुरेश बिवाल, दिनेश बेनिवाल, पप्पू पटूणा महामंत्री, कैलाश उम्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने संबोधित किया। जब तक मांगे नहीं मानी जाती तक सरकार के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा।

झोटवाडा में पाच्यावाला में पूनम मार्केट होते हुए 200 फुट बाईपास पर प्रभात फेरी निकाल कर कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के निवास स्थान पर जाकर ज्ञापन दिया। राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर शीघ्र पूरी करवाई जाएगी। मंगलवार को प्रदेश के सफाई कर्मचारी संगठनों की बैठक यूनियन कार्यालय हेरिटेज नगर निगम में रखी गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि एक अगस्त को सम्पूर्ण राजस्थान के सफाई कर्मचारी संगठनों की महत्वपूर्ण मीटिंग दोपहर 12 बजे हेरिटेज नगर निगम जयपुर में रखी जाएगी।

मीटिंग में आन्दोलन की आगामी रणनीति बनाई जाएगी। विधाधर नगर जोन में रैली निकालकर विरोध जताया गया। विरोध प्रदर्शन में महिला पुरुष सफाई कर्मचारियों ने हिस्सा लिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों का कहना है कि 8 दिन होने पर भी सरकार ने उनकी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाया है जिससे जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

वाल्मीकि राजस्थान के बेरोजगार वाल्मीकि को 2024 की सफाई कर्मचारी भर्ती में 100% आरक्षण देने और 2012-18 के जो कोर्ट में लंबित प्रकरण है उनका भी निपटारा करने की मांग को लेकर 8 दिन से सफाई कर्मचारियों की हड़ताल की जा रही है।

बता दे कि सफाई कर्मियों की मांग है की 24 हजार 797 पदों पर होने वाली भर्ती मस्टरोल के आधार पर हो। जबकि सफाई कर्मचारी की बहाली में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए। इन मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि हड़ताल के कारण कचरा उठाने वाली गाड़ियां एक जगह रुक गई है। आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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