जयपुर। भांकरोटा शुक्रवार को हुए अग्निकांड में शनिवार को दो लोगों की और मौत हो गई। अब हादसे में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। शुक्रवार को जयपुर के अजमेर रोड पर एक्सीडेंट में 5 लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे। वहीं, 8 लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ा था अभी भी करीब आधा दर्जन लोगों की हालात नाजुक बनी हुई है।
इस पूरे प्रकरण को लेकर भांकरोटा थानाधिकारी मनीष ने टैंकर व कंटेनर चालक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। थानाधिकारी ने कहा कि लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने के कारण हादसा हो गया। हादसे में 39 वाहनों के साथ कई गोदाम-दुकान में रखा सामान जल गया। मामले की जांच सिंधी कैम्प थानाधिकारी किरण सिंह को सौंपी गई है।
हादसा स्थल पर नहीं बदले हालात
एलपीजी टैंकर ब्लास्ट वाले स्थान की यातायात व्यवस्था में फिलहाल कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ट्रक-टैंकर अब भी उसी खतरनाक तरीके से यू-टर्न ले रहे हैं और गाड़ियों के टकराने का खतरा बना हुआ है। इस सड़क इंजीनियरों ने भारी कमी छोड़ रखी है। अगर समय रहते सुधार नहीं किया गया तो यहां पर और बड़ी घटनाएं हो सकती हैं। विशेष बात यह है कि हाईवे पर एकाएक कट बनाने की जरूरत नहीं थी। रिंग रोड पर ही कर्व बना कर ट्रैफिक दूसरी ओर निकाला जा सकता था। चौराहे पर हाई मास्क लाइट नहीं लगी हुई है।
दूर से पता नहीं चलता है कि आगे चौराहा आने वाला है। सर्दी के दिनों में विजिबिलिटी बहुत कम हो जाती है। ऐसे में कट पर किसी भी प्रकार के रेडियम, रिफ्लेक्टर, सिग्नल, मार्कर नहीं हैं। बाहरी राज्यों से या दूसरे जिले से आने वाले वाहन चालक इस कट को दूर से देख ही नहीं पाते। इसलिए वह अपनी रफ्तार से इस पर निकलने लगते हैं और टर्न ले रहे वाहनों से टकराने का अंदेशा हमेशा बना रहता है।
वहीं चौराहे पर बनाए गए कट और रोड की चौड़ाई काफी कम है। इस में अगर कोई बड़ा ट्रक जैसे कंटेनर, गैस टैंकर निकल रहा है तो वह दोनों की ओर रोड ब्लॉक कर देता है। संभवतया हादसे की ये वजह हो सकती है। चौराहे के आसपास स्कूल, पेट्रोल पंप हैं उस के बाद भी किसी भी प्रकार का बोर्ड एनएचएआई ने मौके पर नहीं लगाया गया। स्थानीय लोगों के अनुसार इस कट पर पुलिसकर्मियों भी ड्यूटी रहती है, लेकिन वे केवल वीवीआई लोगों को निकालने का काम करते हैं।
एलपीजी के रिसाव से ऑक्सीजन की कमी से बंद पड़ गए थे वाहन
जयपुर-अजमेर हाईवे पर शुक्रवार को एलपीजी से भरे टैंकर को ट्रक के टक्कर के बाद धमाके साथ आग लग गई। टैंकर से निकली एलपीजी के चलते मौके पर ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था इस कारण पास से गुजर रहीं चलती गाड़ियां बंद हो गई थीं। यहीं वजह है कि हादसे में बड़ी संख्या में गाड़ियां आग की चपेट में आ गई। धमाके की संभावना के कारण लोगों ने गाड़ियां स्टार्ट करने की भी कोशिश, लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई।
ऐसे में 15 से ज्यादा लोगों ने गाड़ियां छोड़कर भागकर जान बचाई। जो लोग गाड़ी बंद होने के बाद नहीं भाग पाए वो जिंदा जल गए। जांच में सामने आया कि टैंकर में रिसाव के बाद एलपीजी गैस का बादल बन गया था। इससे वहां अचानक ऑक्सीजन की कमी हो गई, जिससे चलती गाड़ियों के इंजन बंद हो गए। यही कारण रहा कि 40 से ज्यादा वाहन आग की चपेट में आ गए।