जयपुर। मुरलीपुरा की शंकर विहार कॉलोनी के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में रविवार को उद्घव गोपी, वेणु गीत और महारास की कथा हुई। व्यासपीठ से कथावाचक आचार्य सुरेंद्र कृष्ण भारद्वाज ने गोवर्धन धारण लीला का प्रसंग में कहा कि गाय सर्व सुख देने वाली है। जहां गायों का वास होता है वहां भगवान का वास होता है। इसलिए सदैव गायों की रक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कैसा मेला लगाया तूने श्याम सारी धरती जपे तेरा नाम भजन सुनाया। भगवान कृष्ण ने इंद्र का मान मर्दन करने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी कनिष्ठा अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया। उन्होंने कहा कि गोपी उद्भव संवाद भागवत कथा का सबसे महत्व पूर्ण हिस्सा है। गोपियां साधारण नहीं अपितु त्रेता युग के वे ऋषि है जो भगवान राम का सान्निध्य प्राप्त करना चाहते थे।
तब भगवान राम ने कहा कि यह उनका मर्यादित अवतार है। द्वापर युग में ऋषियों की मनोकामना पूर्ण करने का विश्वास दिलाया। वे ऋषि ही द्वापर युग में गोपी बनकर आए। गायत्री चेतना केन्द्र मुरलीपुरा के मनु महाराज, श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी कान्हा शर्मा, जानकीदास सहित अन्य ने भागवत जी की आरती उतारी। इस मौके पर कृष्ण-रूक्मणि विवाह की सजीव झांकी सजाई गई । कथा 31 दिसंबर तक प्रतिदिन दोपहर एक से शाम पांच बजे तक होगी।