जयपुर। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम के बाद अब ठिकाना मंदिर श्री गोविंद देवजी में राधाष्टमी का उत्सव भी उसी उल्लास और उमंग के साथ भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि ग्यारह सितंबर को मनाया जाएगा। मंदिर छावन में ठाकुर जी के समक्ष सात से ग्यारह सितंबर तक प्रतिदिन सुबह साढ़े नौ से सवा दस बजे तक तथा शाम को सात से रात्रि साढ़े आठ बजे तक उत्सव दर्शन होंगे। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी महाराज के सान्निध्य में राधाष्टमी महोत्सव का श्रीगणेश सात सितंबर को शाम सात से रात्रि साढ़े आठ बजे तक श्री गौरांग महाप्रभु संकीर्तन मंडल के हरिनाम संकीर्तन के साथ होगा।
आठ सितंबर को सुबह श्री हरिनाम संकीर्तन परिवार और शाम को श्री श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति की ओर से ठाकुरजी के दरबार में भजनों की हाजिरी दी जाएगी। नौ सितंबर को सुबह चाकर मंदिर श्री गोविंद देवजी के भक्त गण राधा जी और श्रीजी को रिझाएंगे। वहीं शाम को माताजी वृंदावन की भजन संध्या होगी। दस सितंबर को अखंड हरिनाम संकीर्तन बंगाली महिला मंडल की सदस्याएं सुबह और शाम हरिनाम संकीर्तन के साथ भजनों से ठाकुरजी का गुणगान करेंगी। राधा अष्टमी के दिन भी सुबह की बेला में अखंड हरिनाम संकीर्तन बंगाली महिला मंडल की ओर से ही भजन-कीर्तन होगा। शाम को श्री गौर गोविंद महिला मंडल की महिलाएं किशोरी जी के जन्म की बधाइयां गाएंगी।
मुख्य उत्सव ग्यारह सितंबर को
राधा अष्टमी ग्यारह सितंबर को है। मंगला झांकी दर्शन सुबह 4 बजे होंगे। इसके बाद 4.45 बजे प्रिया जी (राधा रानी जी) के अभिषेक दर्शन खोले जाएंगे। राधा रानी जी का दूध, दही, घी, बूरा, शहद से पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद महाआरती के दर्शन होंगे। पंचामृत का निशुल्क वितरण मंदिर परिसर में किया जाएगा। इसके बाद धूप झांकी खोली जाएगी। ठाकुर श्रीजी को नवीन पीत (पीली) पोशाक एवं विशेष अलंकार श्रृंगार धारण कराए जाएंगे।
पंजीरी, लड्डू, मावा की बर्फी का भोग अर्पण किया जाएगा। धूप झांकी में महंत अंजन कुमार गोस्वामी ठाकुर श्रीजी का अधिवास पूजन करेंगे। छप्पन भोग झांकी के दर्शन होंगे। श्रृंगार झांकी में बधाई-उछाल कर श्री राधा रानी जी का उत्सव मनाया जाएगा। संध्या काल में ठाकुर श्रीजी की विशेष फूल बंगला झांकी के दर्शन होंगे। विशेष उत्सव दर्शन झांकी शाम 7 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक होंगे। इसके बाद शयन झांकी खोली जाएगी।