जयपुर। ग्रह नक्षत्रों के हिसाब से महीने के पांच दिन बहुत ही अशुभ माने जाते है। शास्त्रीय भाषा में इन पांच दिनों को पंचक कहते है। जब से पंचक शुरू होते है उस दिन से ही क्रूर समय भी शुरू हो जाता है। पंचक के दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके परिणाम शुभ नहीं होते ।
ज्योतिष के अनुसार पंचक के दिनों में सड़क दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है और शरीरिक और मानसिक कष्ट झेलना पड़ता है। वैसे पंचक कई प्रकार के होते है इसमें सबसे कष्टप्रद मृत्यु पंचक होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा के बताए अनुसार नए साल के पहले महीने में 13 जनवरी यानी शनिवार से पंचक में सबसे खतरनाक मृत्यु पंचक की शुरुआत होने जा रही है।
यह पंचक शनिवार से शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक का नाम दिया गया है। मृत्यु पंचक के दौरान जातक कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। पंचक के दौरान वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं वर्ना दुर्घटना की संभावनाएं बढ़ जाती है। पंचक में नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा सक्रिय रहती है। इसलिए इन पांच दिनों सावधानी पूर्वक निर्वहन करें ।
उन्होंने बताया कि नए साल के पहले महीने में इस साल का पहला पंचक 13 जनवरी की रात 3 बजकर 19 मिनट से शुरू होगा और जिसका समापन 18 जनवरी को प्रात 7 बजकर 59 मिनट पर होगा। साल के पहला पंचक शनिवार को शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक का नाम दिया गया है। मृत्यु पंचक का साया मकर संक्रांति पर भी रहेंगा।
ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि पंचक के दिनों में कई काम ऐसे है जो भूलकर भी नहीं करने चाहिए। इसका अशुभ परिणाम लंबे समय तक भुगतना पड़ता है। पंचक के दिनों में कोई भी शुभ कार्य की शुरूआत न करें। छत्र की ढलाई,नए व्यापार की शुरूआत,नए खाट चारपाई का निर्माण आदि साथ ही पंचक के दिनों में भूलकर भी दक्षिण दिशा में यात्रा न करें क्योकि दक्षिण की दिशा यम की दियाा मानी जाती है। पंचक की शुरुआत होने के बाद शनिवार के दिन संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करना चाहिए।