जयपुर। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा नेहरू नगर, पानीपेच, जयपुर में तीन दिन से चल रहे समागम का रविवार को बोले सो निहाल के जयकारों से समाप्ति हुई। यह जानकारी देते हुए गुरुद्वारे के प्रधान सरदार हरचरण सिंह ने बताया कि रविवार सुबह भाई जरनैल सिंह, हजूरी रागी, श्री दरबार साहिब वालों ने आसा दी वार का कीर्तन किया। इन्होंने आसा दी वार का कीर्तन करते हुए “जंमे साई विसारिया वीवाहिया मां पियो विसारे” शब्द गाकर संगत को निहाल किया।
इनके अलावा भाई चमनजीत सिंह ‘लाल’ दिल्ली, वालों ने “जो मांगहि ठाकुर अपने ते सोई सोई देवे”, “पूता-माता की आसीस”, “साधु कहो सुन लेहु सभै जिन प्रेम कीओ तिन ही प्रभु पाइओ”
भाई ओंकार सिंह, हजूरी रागी श्री दरबार साहिब “तुम हो सब राजन के राजा”, “मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा”
और भाई जरनैल सिंह, हजूरी रागी श्री दरबार साहिब ने “कर कृपा बसो मेरे हृदय”,”धन धन रामदास गुरु जिन सिरिया तिने सवांरिया” शब्द गाकर संगत को निहाल किया बीच-बीच में वाहेगुरु वाहेगुरु का जाप भी कराया जिससे संगत मंत्र मुग्ध हो गई।
अंत में बोले सो निहाल के जयकारे किए गए और फूलों की वर्षा के साथ समागम की समाप्ति की गई।
सरदार हरचरण सिंह ने बताया कि रविवार को अमृतसर से आये पंज प्यारों के तत्वावधान में अमृत संचार करवाया गया जिसमें 22 लोगों ने अमृतपान किया। इस समागम में रविवार सुबह से काफी-चाय, ज्यूस एवं अतूट लंगर वरताया गया ।