November 23, 2024, 2:49 am
spot_imgspot_img

विधानसभा में फिर उठा थाने में जमा बेशकीमती मूर्तियों और पेंटिंग्स का मुद्दा

जयपुर। वामननारायण घीया से बरामद बेशकीमती 348 प्राचीन मूर्तियां, 73 पेंटिंग्स और 100 से ज्यादा हथियार जयपुर के विद्याधर नगर थाने में जमा है। थाने में जमा सामान की संख्या 900 से ज्यादा है। ये अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर वामन नारायण घीया से 2003 (21 साल पहले) में बरामद हुई थीं। 11 साल पहले वामन नारायण घीया को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था और ये समान आज भी थाने में पड़ा है। इनमें खजुराहो की प्रतिमाओं के टुकड़े भी शामिल हैं। इनकी कीमत तब करीब 6 करोड़ रुपए थी। वहीं, 1 करोड़ रुपए की पेंटिंग्स भी हैं।

राजस्थान विधानसभा के बजट सेशन के दौरान एक बार फिर इस बेशकीमती सामान का मुद्दा उठा है। इसमें पूछा गया कि सरकार इस बेशकीमती सामान का क्या कर रही है। सरकार ने भी अपने जवाब में बताया कि इनकी जांच कराकर म्यूजियम में रखा जाएगा। विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद पुलिस-प्रशासन और पुरातत्व विभाग दोनों एक्टिव हो गए हैं। पुरातत्व विभाग यहां रखी मूर्तियों की जांच जल्दी शुरू कर कस्टडी में लेने की तैयारी कर रहा है। जयपुर के आमेर रोड पर वामन नारायण घीया का बड़ा हैंडीक्राफ्ट पैलेस था। वह बिजनेस के लिए ज्यादातर विदेश में रहता था।

जयपुर के बड़े होटलों में मीटिंग किया करता था। जून-2003 को सुबह 24 से अधिक हथियारबंद पुलिसकर्मियों ने जयपुर की एवरेस्ट कॉलोनी में स्थित घीया के तीन मंजिला आलीशन घर पर छापा मारा था। दीवार फांदकर घर में घुसे पुलिसकर्मियों ने हथियारबंद गार्ड को काबू में किया था। यहां प्राचीन प्रतिमाओं की फोटोज मिली थीं। इनमें देवी-देवताओं (शिव, पार्वती और गणेश) की सुंदर पत्थर की आकृतियां, कई भुजाओं वाली नृत्य करने वाली देवियां, जैन तीर्थंकर और चोल कांस्य सहित आभूषणों से सजी प्रतिमाएं थीं।

कई फोटोज देखकर लगा की मूर्तियों को जबरन मंदिर की दीवारों से उखाड़ा गया है। इसके कारण उनके अंग या सिर नहीं थे। घीया के घर से पुलिस को एक भी मूर्ति नहीं मिली थी। घीया को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस टीम ने उसके शहर के बाहर स्थित खेत, मथुरा और दिल्ली में विभिन्न गोदामों में छापे मारे। वहां से उन्हें 348 प्राचीन प्रतिमाएं, तलवारें, कटार, ढालें, संगमरमर के पैनल, पत्थर के खंभे सहित पेंटिंग मिली थीं।
पुलिसकर्मियों ने घीया व उसके घर की रेकी सब्जी-फल वाला बनकर की थी।

जांच में सामने आया था कि घीया कई साल से बेशकीमती प्रतिमाओं को देश से चुराकर विदेश में बेच रहा था। जब्त की गई सभी चीजें बेशकीमती थीं। उसके 16 साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ कर देशभर से चुराई मूर्तियां एक-एक कर बरामद कर लाना शुरू किया गया था। इसके बाद विद्याधर नगर थाने में बेशकीमती प्रतिमाओं का अम्बार लग गया। इनमें से कुछ मूर्तियों को मिट्‌टी में गड्‌ढा खोदकर छिपाया गया था।

पुरातत्व विभाग को दिया सरंक्षण का आदेश

घीया को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। विद्याधर नगर में जब्त प्राचीन मूतियों को लेने के लिए कई धर्मिक लोगों ने कोर्ट में अर्जी भी लगाई थी। अंतरराष्ट्रीय मूर्ति तस्कर गैंग ने पूछताछ में देश के सांस्कृतिक-ऐतिहासिक धरोहरों में 900 स्थान पर चोरी करना बताया था। पुलिस चोरी के बताए गए स्थानों को चिह्नित नहीं कर पाई कि कौन-सी जगह से कौन-सी प्रतिमाएं चुराई गई हैं। इस आधार पर अर्जी लगाने वालों को मूर्तियों देने से मना कर दिया गया। जांच करवाने पर पता चला कि ये प्रतिमाएं 1300 से 1400 साल पुरानी हैं। साल- 2014 में हाईकोर्ट ने वामन नारायण घीया की सजा रद्द कर दी।

कोर्ट ने जब्त प्रतिमाओं को पुरातत्व विभाग को सौंपकर इनका संरक्षण करने का आदेश दिया था। इस मामले में विद्याधर नगर थाने की पत्रावली में 49 जब्तियां बनाई गई थीं। साल-2003 में घीया को गिरफ्तार करने के दौरान उसके घर से भारतीय व दक्षिण-पूर्व एशियाई कला के 4 कैटलॉग मिले थे। इनमें भारत की हजारों प्राचीन वस्तुओं की सूची थी। घीया ने लगभग 700 प्राचीन वस्तुओं को चिह्नित किया था।

थाने से भेज गए तीन लेटर

22 नवम्बर 2023 को पुलिस की ओर से पुरातत्व विभाग को लेटर भेजा गया था। उसके बाद 27 जून 2024 को दूसरा लेटर भेजकर प्रतिमाओं को संरक्षित करने के लिए कहा गया था। तीसरा लेटर 8 जुलाई 2024 को पुरातत्व विभाग को भेजा। अब सचिवालय की ओर से 17 जुलाई 2024 को प्रतिनियुक्त नियुक्त करने के लिए पुरातत्व विभाग को लेटर भेजा गया है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles