जयपुर। संविधान दिवस समस्त देशवासियों के लिए गौरवपूर्ण तिथि है संविधान दिवस के 75वें वर्ष के शुभ अवसर पर बिहार वासियों को विशेष गर्व की अनुभूति हो रही है कारण यह है कि संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में संविधान की प्रति का मैथिली अनुवाद लोकार्पित किया गया। संविधान दिवस के अवसर पर सांसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में लोकार्पण किया गया।
संसार की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत में अनुवादित संविधान की प्रति लोकार्पित हुई। संविधान निर्माण के 75 साल पूरे होने पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किया गया। विशेष आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों की स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष सहित सभी दलों के सांसद मौजूद रहे | मैथिली भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल है जिसके कारण इसे राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
पहली बार संविधान को अंकित होने के 75 साल बीत गए परंतु संस्कृत में या मैथिली में संविधान की मूल प्रति का अनुवाद पुरस्तकार में प्रस्तुत नहीं किया गया था। पहली बार बिहार वासियों को मैथिली में संविधान के प्रति प्राप्त होगी | बिहार के जनप्रतिनिधियों के अदत प्रयास से मैथिली को आठवीं सूची में जगह मिली, वहीं वह सबके परिश्रम और विकास का फल है कि बिहार का एकमात्र भाषा आठवीं सूची में है जिस संविधान को और अनुवादित प्रति उपलब्ध हो गई है साढे 8 करोड़ से अधिक की आबादी मैथिली बोलती है जानती-समझती और लिखती है।
प्रधानमंत्री का नेतृत्व में सरकार के यह प्रयास विशेष सराहनीय है जिनके प्रयास से संविधान की प्रति मैथिली में उपलब्ध हो गई है बिहार समाज संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन शर्मा ने बताया कि भारतीय संविधान की प्रति का मैथिली भाषा में विमोचन होने पर समस्त बिहारवासियो में प्रसन्नता खुशी की लहर है तथा साढे 8 करोड़ मिथिलावासियो के हित में केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा उठाया गया ऐतिहासिक पहल है। मैथिली भाषा में संविधान के प्रति विमोचन होने की खुशी में पदम श्री तथा पद्म विभूषण से सम्मानित मिथिला के लाल व बॉलीवुड की मशहूर गायक श्री उदित नारायण ने सांसद डॉक्टर गोपाल जी ठाकुर के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचकर प्रसन्नता व्यक्त की तथा केंद्र सरकार तथा देश की तेजस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया।
उदित नारायण को मिथिला के संस्कृति के अनुसार पाग एवं अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया गया। सांसद सहित गणमान्यो के हाथों हुए मैथिली भाषा में संविधान की पॖति की विमोचन से मिथिलावासियो के लिए ऐतिहासिक कदम है | बिहार समाज के राष्ट्रीय महामंत्री चंदन कुमार ने बताया कि पूर्व पीएम श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के द्वारा 22 दिसंबर 2003 को मैथिली भाषा को अष्टम सूची में शामिल किया गया। फिर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री जी के द्वारा मैथिली भाषा को सीबीएससी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया और अब भारतीय संविधान की मैथिली भाषा में विमोचन कर मोदी सरकार ने साबित कर दिया कि मिथिला और मैथिली का सर्वांगीण विकास व सम्मान भाजपा और एनडीए की पहली प्राथमिकता है। संविधान की प्रति को मैथिली भाषा में विमोचन किय जाने की महत्ता को रेखाकिंत करते हुए सांसद गोपाल ठाकुर ने प्रशांसा व्यक्त किये।
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज यह भाषा नेपाल की भी दूसरी राजकीय भाषा के रूप में स्थापित है जबकि मैथिली और बिहार के साथ-साथ देश के हर कोने में मैथिलीभाषी ष लोगों की संख्या गरिमामयी है मोदी सरकार द्वारा मैथिली भाषा में संविधान के विमोचन के फायदे होंगे अब इसका उपयोग शिक्षा न्यायिक के साथ सरकार तथा दूसरे अधिकारी के संदर्भ में आसानी से किया जा सकता है| तथा बौद्धिकता पांडुलिपि हर दृष्टिकोण से लाभकारी साबित होगा। भारतीय संविधान की जीवंत और प्रगतिशील दस्तावेज है।
हमारा संविधान सच्चे अर्थों में लोकतांत्रिक मूल्यों पर लाभदायक साबित हुआ है केंद्र सरकार की पहल और प्रयास को मिथिलावासियो के लिए स्वरर्णिम कल है | उपलब्धियां के बदौलत आज मिथिला का सम्मान देश स्तर पर स्थापित हुआ है जिसके लिए मिथिलावासी केंद्र की सरकार के साथ-साथ देश की पीएमसी नरेंद्र मोदी जी के प्रति आभार | बिहार समाज संगठन की राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी सुरेश पंडित ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में मिथिला का विकास के लिए भूतों न भविष्यति साबित होगी।
संविधान का मैथिली में अनुवाद राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि है | देश और बिहार के साथ-साथ मिथिला के विकास के लिए देश के प्रधानमंत्री के हमेशा साथ रहा है महत्वपूर्ण योजनाएं मिथिला के भारतीय संविधान दिवस के 75वें वर्ष पर मिथिला क्षेत्र के ऐतिहासिक कदम के रूप में भारतीय संविधान का मैथिली अनुवाद पूरा हो चुका है इस उपलब्धियां को राष्ट्रीय स्तर पर मैथिली के गौरव के रूप में देखा जा रहा है संविधान के मैथिली का अनुवाद हमारी भाषा और संस्कृति के संरक्षण का प्रतीक है यह न केवल मिथिलावासियो को संविधान को उनके मातृभाषा में समझाने का अवसर देगा बल्कि मैथिली को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगा। इस पहल को सहरते हुए मैथिली भाषा और संस्कृति के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा | इस पहल से मैथिली को साहित्यिक और प्रशासनिक स्तर पर मजबूती मिलेगी और यह पूरे मिथिला क्षेत्र के लिए खुशी की बात है इसके लिए संपूर्ण बिहार और मिथिला क्षेत्र प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति महोदया की सदा आभारी रहेगा। साढे 8 करोड़ मिथिलांचलवासी की ओर से पीएम मोदी जी को आभार व साधुवाद के पात्र है।